सुभाष राय की कविताएँ सच्चाई का दस्तावेज़
‘सच बोलना भी लाजिम जीना भी है जरूरी’
सच बोलने की धुन में मंसूर हो न जाना।‘’
आज के समय में किसी शायर का यह शेर...
लोकतंत्र की तानाशाही
हमारे देश में ब्रिटिश प्रणाली की संसदीय व्यवस्था लागू है। दोनों में सिर्फ इतना फर्क है कि वहां राज्य की प्रमुख एक महारानी हैं...
मुसलमान जोगी अब डरने लगे हैं !
पहले गांव में जब जोगी आता था तो वह केवल जोगी होता था। लोग श्रद्धा से नतमस्तक हो उसे अन्नदान व वस्त्रदान दिया करते...
कुछ भारतीय बैंक खजाने को चूना लगाने में लगे हैं : सुलखान सिंह
दोस्तो, कल एक बड़ी खतरनाक बात मुझे बताई गयी। अपने भारतीय बैंक और कुछ विदेशी बैंक देश का काला धन आपराधिक साजिश करके अपने...
मैं उनके प्रायश्चित पर भरोसा करना चाहता हूं
सुभाष राय
मनुष्य है तो ग़लतियां करेगा ही। जो ग़लतियां नहीं करता, वह मनुष्य नहीं हो सकता। यह बात जितनी सही है, उतनी ही सही...
अरे बू तौ बड़ो फ़्राडियर है, अरे, मारौ गोली
वह वर्ष 1941 के फाल्गुन माह की वासंती प्रातः थी, जब मेरे गांव की गली से बड़ी मूंछों वाले रोबीले थानेदार एक शानदार घोड़े...
प्रणव को तो बेटी ने ही दे दी है नसीहत..
देवप्रिय अवस्थी
प्रणब मुखर्जी आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में भाग लेने की वजह से चर्चा में हैं। संघ के कार्यक्रम में जाकर वे...
सावन का अन्धा
प्रदीप कुमार
सावन में अंधा होने का मजा ही कुछ और है। बाहर भले ही सूखे से जमीन में दरार पड़ी हो पर अंदर...
पर्यावरण के लिए पहले अन्तःकरण का culture शुद्ध करें
सुलखान सिंह
अभी कल पर्यावरण दिवस था। कई कार्यक्रम हुए। कुल फोकस पेड़ लगाने पर दिखाई पड़ा।पर्यावरण संरक्षण में सबसे महत्वपूर्ण है प्रदूषण नियंत्रण। इसके...
कहे घाघ सुन घाघनी …
घाघ के जन्म स्थान के बावत लोगों में अनेकों कयास हैं. कुछ लोग उनका पैतृक निवास कन्नौज मानते हैं, जबकि पंडित राम निवास त्रिपाठी...