अवैध अस्पतालों और क्लीनिकों के खिलाफ चलेगा अभियान, होगी FIR

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में अवैध अस्पतालों का जाल बिछा हुआ है। चारो ओर झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिकों की भी भरमार है। चिकित्सा अधिकारी मरीजों की जिंदगी से हो रहे खिलवाड़ पर मुंह फेरे हुए थे। अब शासन की सख्ती के बाद छापेमारी शुरू होगी।

होगी सख्त कार्रवाई 

आपको बताते चलें कि प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य ने अवैध अस्पतालों व झोलाछाप पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने शनिवार को छापेमारी का आदेश जारी किया। राजधानी के ग्रामीण और शहरी इलाकों में अभियान चलाने के लिए 12 चिकित्सकों की टीम का गठन किया है। टीम में एसीएमओ, नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी प्रभारी को शामिल किया गया है।

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सीएमओ ने दिए निर्देश  

बता दें कि सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बिना पंजीकरण चल रहे अस्पताल पर कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही अप्रिशिक्षित लोगों पर भी मुकदमा दर्ज कराने को कहा। इन सभी पर इंडियन मेडिकल एक्ट, 1956 धारा-15 (2) एवं आइपीसी धारा-419 व 420 के तहत एफआइआर कराई जाएगी।

किसको कहां की मिली जिम्मेदारी 

एसीएमओ डॉ. डीके बाजपेयी, बीकेटी, इटौंजा-एसीएमओ डॉ. सईद अहमद, मलिहाबाद-एसीएमओ डॉ. अजय राजा, काकोरी-एसीएमओ डॉ. आरवी सिंह, मोहनलालगंज-एसीएमओ डॉ. आरके चौधरी माल व चिनहट-एसीएमओ डॉ. एमके सिंह, अलीगंज, नवल किशोर रोड -एसीएमओ डॉ. एके श्रीवास्तव, सिल्वर जुबली, रेडक्रॉस-डिप्टी सीएमओ डॉ. एके दीक्षित, सरोजनी नगर-डिप्टी सीएमओ डॉ. राधा श्याम स्वामी, गोसाईंगंज-डीटीओ डॉ. बीके सिंह, ऐशबाग, टूडिय़ागंज-डिप्टी सीएमओ डॉ. मनोज यादव, इन्दिरा नगर, नगराम-डीएलओ डॉ. अंबुज सिंह, चंदर नगर, आलमबाग।

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