उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार तय, जानें कौन नेता बन रहे यूपी में मंत्री

19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था।

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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की तैयारी होने लगी है। बीते 19 अगस्त को नई दिल्ली में भाजपा हाईकमान की बैठक के बाद मंत्रिमंडल विस्तार तथा मनोनीत विधान परिषद सदस्यों के नाम पर मुहर लग गई है। उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले है, ऐसे में भाजपा किसी को भी नाराज नहीं करेगी। ऐसी स्थिति में कम ही संभावना है की मौजूदा किसी मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का 29 अगस्त को प्रदेश का दौरा समाप्त होने के बाद चार मनोनीत विधान परिषद सदस्यों के नाम की सूची जारी होने की संभावना है। उसके साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख भी तय होने का अनुमान है।

संभावित मंत्रियों की लिस्ट:

जितिन प्रसाद, संजय निषाद, तेजपाल नागर, एमपी सेंथवार, मंजू सिवाच, सहेंद्र रमाला, संगीता बलवंत विंद, सोमेंद्र गुर्जर, आशीष पटेल, संजय गोंड, राहुल कौल ।

मंत्रिमंडल का दूसरी बार होगा विस्तार:

19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस समय मंत्रिमंडल में 56 सदस्यों ने शपथ ग्रहण की थी। कोरोना की पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और कमल रानी वरुण का निधन हो गया था। वही कोरोना की दूसरी लहर में मंत्री विजय कुमार कश्यप का भी निधन हो गया था। योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में तीन नए चेहरों के साथ 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी।

यह हो सकती है मंत्रिमंडल की अधिकतम संख्या:

उत्तर प्रदेश सरकार के मौजूदा मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 21 राज्यमंत्री हैं, यानी कुल 53 मंत्री हैं। यूपी सरकार में मंत्रियों की संख्या अधिकतम 60 तक हो सकती है। इस हिसाब से 7 मंत्री पद इस वक्त खाली हैं। ऐसे में बगैर किसी को हटाए 6 से 7 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। नए मंत्रियों को शामिल करते वक्त यह देखा जाएगा कि कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बना रहे। योगी सरकार के नए मंत्रिमंडल में दलित, पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मणों को भी प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।

मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय संतुलन:

विपक्षी पार्टियां ब्राह्मण वोट बैंक साधने में लगी हैं। बीएसपी जहां ब्राह्मण सभा का आयोजन करवा रही है वही समाजवादी पार्टी ने सरकार बनने पर भगवान परसुराम की मूर्ति लगवाने की बात कह चुकी है। ऐसे में बीजेपी जितिन प्रसाद को मंत्रिमंडल में शामिल करके ब्राह्मण वोटरों को खुश करने का प्रयास करेगी। योगी मंत्रिमंडल विस्तार में मोदी सरकार के तरह सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व ओबीसी वर्ग को मिल सकता है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है।

 

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