भाजपा सरकार को बीएसपी प्रमुख मायावती की सलाह, नीयत पर किया जा रहा है शक इसलिए ठोस फैसला लेना जरुरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन नए कृषि कानून की वापसी के ऐलान के बाद से ही इसपर राजनीतिक घमासान जारी है। अब बसपा प्रमुख मायावती ने चुनावी स्वार्थ तथा मजबूरी का फैसला बताते हुये कहा कि बीजेपी की सरकार की नीयत पर शक किया जा रहा हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन नए कृषि कानून की वापसी के ऐलान के बाद से ही इसपर राजनीतिक घमासान जारी है। अब बसपा प्रमुख मायावती ने चुनावी स्वार्थ तथा मजबूरी का फैसला बताते हुये कहा कि बीजेपी की सरकार की नीयत पर शक किया जा रहा हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों ने कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार के अहंकार और तानाशाही वाले रवैये को काफी झेला है।
चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला:
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘‘देश में तीव्र आन्दोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केंद्र सरकार की घोषणा का देर आए दुरुस्त आए यह कहकर स्वागत किया गया, किन्तु इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है। अतः इस बारे में कुछ और ठोस फैसले जरूरी हैं।’’
1. देश में तीव्र आन्दोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की घोषणा का देर आए दुरुस्त आए यह कहकर स्वागत किया गया, किन्तु इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है। अतः इस बारे में कुछ और ठोस फैसले जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
वही दूसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा, ‘‘इसके लिए केंद्र किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाने तथा देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गम्भीर मामलों को छोड़कर आन्दोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी आदि भी सुनिश्चित करे, तो यह उचित होगा।’’
2. इसके लिए किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाना तथा देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गम्भीर मामलों को छोड़कर आन्दोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी आदि करना भी केन्द्र सुनिश्चित करे तो यह उचित होगा।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा, ‘‘वैसे पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये को काफी झेला है, लेकिन अब देश को उम्मीद है कि पूर्व की तरह वैसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।’’
3. वैसे पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये आदि को काफी झेला है, किन्तु अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न नहीं हो, ऐसी देश को आशा है।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
पीएम मोदी ने किया था ऐलान:
पीएम मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर राष्ट्र को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी। हम कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए।
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