Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. इस हादसे ने न कई लोगों की जान ले ली है. वहीं इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 की उड़ानों पर रोक लगाने के लिए विचार-विमर्श कर रही है. इसको लेकर भारत और अमेरिकी एजेंसियां इस मामले पर बातचीत कर रही हैं. साथ ही एअर इंडिया के विमानों के रखरखाव की भी जांच होने की संभावना जताई जा रही है.
केंद्र के विचार-विमर्श ने बोइंग की बढ़ाई टेंशन
केंद्र सरकार के इस विचार-विमर्श ने बोइंग की टेंशन बढ़ा दी है. क्योंकि क्रेंद्र का यह फैसला कोई मामूली नहीं बल्कि अहमदाबाद में हुए हादसे के दौरान 265 लोगों की मौत का सवाल हैं. ऐसे में एयर इंडिया समेत यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा सवाल उठने लगा है. यहीं कारण है कि केंद्र सरकार बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 की उड़ानों पर जल्द ही रोक लगा सकती है. उड़ानों पर रोक लगने के बाद से एयर इंडिया पर भी गाज गिरने की संभावना है.
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इसका कारण ये है कि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी सनत कौल ने एक इन्टरव्यू में कहा कि DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने एअर इंडिया को कई बार लेटर लिखते हुए सिक्योरिटी, गलत तरह से चेकिंग और अन्य खामियों से जुड़ी बातों पर हिदायत दी थी. इसके बाद भी उसने लापरवाही को आगे रखते हुए अपनी खामियों को नजरअंदाज कर बैठी, जिसका नतीजा आज कई लोगों की जान जाने से साफ देखा जा सकता है. अब-जब एयर इंडिया की फ्लाइट एक हादसे का शिकार होते ही अपनी मेंटेनेंस को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आ चुकी है.
जानिए विमान कब तक ग्राउंड पर होंगे
पिछले रिकॉर्ड्स की माने तो 2013 में बोइंग 787 की लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद पूरी दुनिया में इस फ्लीट को 3 महीने के लिए ग्राउंड कर दिया गया था. अगर अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को लेकर कुछ ऐसा हुआ, तो शायद 2-3 महीने तक इसकी ग्राउंडिंग हो सकती है. वहीं ये डिपेंड करता है कि DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) और AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की जांच में क्या निकलता है. अगर इंजन फेलियर या फ्यूजलाज की खराबी जैसी गंभीर दिक्कतें पाई गईं, तो ग्राउंड का समय बढ़ने के काफी चांसेस है.