Varanasi News: वाराणसी के महमूरगंज में मोती झील के पीछे शुक्रवार की देर रात एक बडे टेंट हाउस के एक गोदाम में आग लगने से भारी क्षति का अनुमान है. हालांकि जनहानि की सूचना नहीं है. आग लगने की वजह की जांच की जा रही है. वहीं शार्ट सर्किट या पटाखे की चिंगारी को आग लगने की वजह माना जा रहा है. इस आग के फैलने से पास की बिल्डिंग को भी नुकसान पहुंचा है. सूचना के बाद पहुंचे फायर ब्रिगेड कर्मियों का आग बुझाने में कडी मशक्कत करनी पडी. इससे पहले लाखों रुपये के सामान जलकर राख हो गए.
आग इतनी भीषण थी कि गोदाम के पिछले हिस्से से सटी मोहिनी कुंज कालोनी स्थित मल्टीस्टोरी बिल्डिंग को अपने लपेटे में ले लिया. अचानक से शीशे चटकते देख, बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाले श्री अनुराग मोहंती की अचानक से नींद खुल गई और फायर ब्रिगेड का फोन नहीं मिलने पर उन्होंने सामाजिक संस्था ‘सत्या फाउण्डेशन’ के नंबर 9212735622 पर कॉल किया. इसके बाद संस्था के संस्थापक सचिव चेतन उपाध्याय ने तुरंत ही वाराणसी पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 9454401645 के साथ ही 112 नंबर पर सूचना दी और खुद मौके पर पहुँच गए.
फायर ब्रिगेड कर्मियों ने संभाला मोर्चा
फायर ब्रिगेड, बिजली विभाग और पुलिस की कई गाड़ियाँ मौके पर पहुँच गईं। सुरक्षा की दृष्टि से, इलाके की बिजली काट दी गई. अपनी आँखों के सामने धूं-धूं करके राख होती अपनी प्रॉपर्टी और सामान का दृश्य बहुत ही दहला देने वाला था और इलाके में भयंकर दुर्गन्ध थी. फायर ब्रिगेड की 4 गाड़ियों ने एक साथ मोर्चा संभाला और रह-रह कर विस्फोट और फ्लैटों की खिड़कियों के शीशे के टूट टूट कर गिरने की आवाज आती रही. कई फ्लैटों के एसी, वाशिंग मशीन, बिजली के स्विच बोर्ड, मोबाइल, लैपटॉप, कपड़े, बिस्तर और दरवाजे-खिड़की जल गए. मगर सबसे अच्छी बात ये रही कि कोई भी हताहत नहीं हुआ. फायर ब्रिगेड और पुलिस की त्वरित कार्यवाही की आम जनता ने बहुत ही प्रशंसा की है, अन्यथा नुकसान बहुत ज्यादा हो सकता था.
घटना ने खोली नज़दीक की “पॉश बिल्डिंगों” की पोल
मोतीझील के परिसर में टेंट हाउस गोदाम में आग और उसके चलते, ठीक पीछे की मोहिनी कुंज की बिल्डिंग में लगी भयंकर आग को बुझाने में लगी फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में से एक का पानी खत्म हुआ तो पानी भरने के लिए वहाँ से लगभग 700 मीटर की दूरी पर स्थित टीसीएस यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस वाली बिल्डिंग (सिद्ध कॉम्प्लेक्स) में फायर ब्रिगेड का वाहन पहुँचा. मगर वहाँ पहले तो काफी देर तक दरवाजा ही नहीं खुला और जब किसी तरह दरवाजा खुला तो गार्ड ने बताया कि वाटर पम्प की चाभी मैनेजर के पास रहती है और पानी का पंप चालू नहीं हो सका.
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मौके की नजाकत को भाँपते हुए, इस पूरे आपरेशन में मौजूद ‘सत्या फाउण्डेशन’ के संस्थापक सचिव चेतन उपाध्याय ने टीसीएस (सिद्ध कॉम्प्लेक्स) के बगल में स्थित विराट विला एपार्टमेंट से पानी लेने का सुझाव दिया.मुख्य सड़क पर स्थित विराट विला का मेन गेट तो खुल गया मगर फ्लाईओवर की दीवार और विराट विला के गेट के बीच बहुत कम स्थान होने के कारण गाड़ी अंदर नहीं घुस पा रही थी और दूसरी बात कि बिजली के खम्भों पर लगाए गए टीवी केबल के तारों से अलग दिक्कत हो रही थी और तीसरी बात कि बिल्डिंग के अंदर बेतरतीब ढंग से खड़ी गाड़ियाँ भी फायर ब्रिगेड के रास्ते में समस्या बन रही थीं.
फिर मजबूरी में फायर ब्रिगेड ने विराट विला सोसायटी के गेट पर ही गाड़ी लगा दी, जिसके कारण लंबा जाम लगना तय था मगर कोई और विकल्प भी नहीं था और फिर गार्ड से पानी का पम्प चालू करने को कहा. समुचित मेंटेनेंस के अभाव में इस पॉश सोसायटी का सड़ा-गला पम्प चालू ही नहीं हुआ, फिर इसी बिल्डिंग के कार वाशिंग एरिया में लगे दूसरे पंप से तीन बड़ी पाइपों को आपस में जोड़ कर, किसी तरह से फायर ब्रिगेड की गाड़ी में पानी भरा गया.