वाराणसी: भदैनी सामूहिक हत्या कांड के आरोपी एप डेवलपर विशाल गुप्ता उर्फ विक्की और दिल्ली में आईटी कंपनी में काम करने वाले उसके भाई प्रशांत उर्फ जुगनू की गिरफ्तारी पुलिस के लिए टेढी खीर थी. वजह यह रही कि वारदात के बाद आरोपी विक्की बातचीत के लिए मोबाइल फोन इस्तेमाल ही नहीं कर रहा था. किसी एटीएम से न पैसा निकाला और न कहीं ऑनलाइन भुगतान किया और न किसी होटल या गेस्ट हाउस में ठहरा.
पुलिस ने वारदात की गुत्थी सुलझाने के लिए 336 घंटों की सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. वारदात के पहले और बाद का उसका डिजिटल रोड मैप तैयार किया. मार्च 2022 से छह नवंबर 2024 तक विक्की और जुगनू की लोकेशन और फोन पर उनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाने के लिए तकरीबन पांच लाख मोबाइल नंबर खंगाले. कमिश्नरेट की पुलिस को डेटा एनालिटिक्स और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (आईपीडीआर) एनालिसिस की मदद से आरोपी विक्की को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली.
एसटीएफ को केस सौंपने की थी तैयारी…
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के मुताबिक समय बीतता जा रहा था और कामयाबी नहीं मिल रही थी. बीच में ऐसा लगने लगा था कि मुकदमा लिखा-पढ़ी में एसटीएफ को सौंप दिया जाए. हालांकि, अंतत: तकनीकी जानकार आरोपी को तकनीक की मदद से कमिश्नरेट की पुलिस ने ही पकड़ा. डेटा एनालिटिक्स के तहत भदेनी और रोहनिया दोनों घटनास्थल के लगभग 500 मीटर के दायरे के सभी मोबाइल नंबर की गहनता से छानबीन की गई. देखा गया कि अभियुक्त से कॉल या अन्य माध्यमों से कौन-कौन कनेक्ट था.
आईपीडीआर एनालिसिस से यह पता लगाया गया कि मोबाइल उपयोगकर्ता ने इंटरनेट पर कहां और क्या किया है. इसके अलावा इंटरनेट टेलीफोनिंग का उपयोग करके कितने कॉल और संदेश भेजे हैं. आईपीडीआर एनालिसिस से ही यह पकड़ में आया कि जुगनू अपने बड़े भाई विक्की से इंस्टाग्राम और फेसबुक की फर्जी आईडी के मेसेंजर से संपर्क करता है. दोनों की चैटिंग लोकेशन पता करके फिर उन्हें गिरफ्तार किया गया.
इस हत्याेकांड का टर्निंग प्वाइंट…
ऐसे में सर्विलांस की मदद से दोबारा जुगनू के मोबाइल फोन की मॉनिटरिंग शुरू की गई. अचानक पता लगा कि वह अपने मोबाइल फोन से इंस्टाग्राम और फेसबुक की दो-तीन फर्जी आईडी इस्तेमाल कर रहा है. उन आईडी को खंगाला गया तो सामने आया कि उनका इस्तेमाल दो-तीन फर्जी आईडी से चैटिंग के लिए किया जाता है. यही इस मुकदमे का टर्निंग पॉइंट था. फिर, सर्विलांस की मदद से ही विक्की के मेसेंजर एप की लोकेशन ट्रैक की गई और दोनों भाई गिरफ्तार किए गए.
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ये था पूरा मामला….
नवंबर 2024 में वाराणसी में एक ही परिवार के राजेंद्र गुप्तां समेत पांच लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से 5 नवंबर को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था, जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति राजेंद्र गुप्ताी का अर्धनग्न शव बेड पर मिला.
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उसे भी गोली मारी गई थी. पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी. दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही थी कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था. परिवार के मुखिया मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था. विक्कीत राजेंद्र का ही भतीजा है.