Bada mangal 2025 : हर साल की तरह मनाए जाने वाला बड़ा मंगल की शुरूआत इस बार ज्येष्ठ मास की आज 13 मई से हो रही है. इस त्योहार को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. बता दें इस माह में कुल 5 मंगलवार पड़ेंगे जिनमें से पहला बड़ा मंगल आज 13 मई को मनाया जा रहा है. इसी 13 मई से बड़े मंगल का शुभारंभ हो रहा है. खासकर मंगलवार का दिन प्रभु हनुमान जी के लिए समर्पित है. इस दिन हनुमान जी के जितने भी भक्त होते है वे सभी मंगलवार के दिन उपवास रखते है. ताकि भगवान हनुमान जी भक्तों की इस श्रद्धा से प्रसन्न हो सकें.
हालांकि, भगवान हनुमान जी भक्ति-भाव के भूखे है वो न तो किसी उपवास से रीझते है और न प्रसाद चढ़ाने से उन्हें तो सच्ची श्रद्धा से अगर एक फूल और सीता राम का जाप कर के भी उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है. हनुमान जी सभी भय और संकटों को दूर करने के विधाता हैं. आपको बता दें, हनुमान जी एक ऐसे देवता है जिन्हें अमरता का वरदान प्राप्त होने के नाते इन्हें कलयुग का देवता कहा जाता है. वहीं, ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाला बड़ा मंगल या फिर बुढ़वा मंगल काफी महत्वपूर्ण रखते हैं. बड़े मंगल पर सभी हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. ऐसे में आप नवाबो के शहर लखनऊ में फेमस हनुमान मंदिरों के दर्शन जरूर करना चाहिए.
हनुमान सेतु मंदिर
हनुमान सेतु मंदिर में दर्शन-पूजन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यहीं कारण है कि मंगलवार के दिन यहां पर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं. इस मंदिर को नीम करौली बाबा के नाम से भी जाना जाता है.
प्राचीन हनुमान मंदिर
इस प्राचीन हनुमान मंदिर का निर्माण 1783 में हुआ था. इस मंदिर की मान्यता है इस मंदिर में साक्षात हनुमान जी विराजमान हैं. यह एक सिद्ध पीठ मंदिर माना जाता है. इस मंदिर को कैंची धाम का दर्जा दिया जा चुका है.
सदर बाजार हनुमान मंदिर
सदर बाजार हनुमान मंदिर अपने आप में काफी फेमस है. बड़े मंगल के दिन यहां पर दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं.
दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर
लखनऊ में दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर काफी प्राचीन मंदिर हैं. इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां हनुमान जी की बड़ी प्रतिमा के पास ही पीपल के पेड़ के नीचे हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित है. इस मंदिर में खड़ाऊं भेंट करने की भी परंपरा है. इससे सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
हनुमंत धाम
लखनऊ का हनुमंत धाम मंदिर एक ऐसा मंदिर है जो 400 साल पुराना है. यह गोमती नदी के किनारे पर स्थित है. यहां पर कुल मिलाकर एक लाख से भी ऊपर हनुमान जी की मूर्तियां और आकृतियां हैं.आप यहां पर भी दर्शन के लिए जा सकते हैं.