अयोध्या: मंदिर से योगी की मूर्ति गायब, बनवाने वाला लापता और फोन भी स्विच ऑफ
यूपी के अयोध्या के पूराकलंदर थाना क्षेत्र में बनवाए गए सीएम योगी आदित्यनाथ के मंदिर से योगी की मूर्ति ही गायब हो गई. वहीं, मंदिर बनवाने वाले प्रभाकर मौर्या भी लापता हैं. इसके अलावा मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है. जानकारी के मुताबिक, ये कार्रवाई मंदिर के संस्थापक प्रभाकर मौर्या के चाचा रामनाथ मौर्या की शिकायत पर की गई है. रामनाथ मौर्या ने सीएम योगी समेत अयोध्या प्रशासन से मामले की शिकायत की थी. उनका दावा है कि जिस बंजर जमीन पर योगी मंदिर बनाया गया है, उस पर पुश्तैनी कब्जा था. रामनाथ का आरोप है कि प्रभाकर मौर्या ने योगी मंदिर बनाकर उनका हिस्सा भी कब्जा लिया है.
दरअसल, पूराकलंदर थाना क्षेत्र के अयोध्या-प्रयागराज हाईवे के किनारे स्थित कल्याण भदरसा मजरे मौर्या का पुरवा में योगी मंदिर निर्मित था. बीते रविवार की दोपहर सीएम योगी की मूर्ति गायब हो गई. प्रभाकर मौर्या के चाचा रामनाथ मौर्या सहित आसपास के लोगों व प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रविवार दोपहर नीली बत्ती लगी हुई पुलिस की गाड़ियां आईं और मूर्ति को मंदिर से उठाकर अपने साथ ले गईं.
Also Read: यूपी के अयोध्या में बना सीएम योगी आदित्यनाथ का मंदिर, अखिलेश यादव ने कसा तंज
प्रभाकर मौर्य के दोस्त अमरजीत का कहना है
‘पुलिस वाले बहुत थे, उन लोगों ने ताला तोड़ दिया, उसके बाद कुंडी तोड़कर मूर्ति लेकर गए और उसके ऊपर जो छत्र था, उसको भी लेकर गए, वहां पर कुछ चढ़ावा भी रखा था, उसको भी ले गए, बहुत सारे पुलिस वाले थे, हम लोग उस गेट से निकलने की कोशिश किए लेकिन वहां भी खड़े थे. इस पूरे मामले में अयोध्या जिला प्रशासन के आला-अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.’
वहीं, प्रभारी निरीक्षक पूराकलंदर राजेश सिंह का कहना है कि सीएम योगी की मूर्ति कौन और कहां ले गया, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. संभावना है कि प्रभाकर ही अपने साथ मूर्ति ले गया हो, क्योंकि अब उसका कोई पता नहीं चल रहा है. उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ बता रहा है. प्रभाकर का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है.
बीते रविवार को सोहावल तहसील के प्रशासनिक अमले ने राजस्व निरीक्षक की मौजूदगी में मंदिर स्थल के आसपास के भूखंड की पैमाइश की. जांच में सामने आया कि योगी मंदिर का एरिया करीब एक बिस्वा से कम ही है, परंतु मंदिर से सटा सरकारी भूमि का रकबा गाटा संख्या 32 और 36 का क्षेत्रफल 4.0 82 हेक्टेयर, यानी करीब 40 बीघा से अधिक है. बगल में गाटा संख्या 37 में स्थापित शनि देव के मंदिर का रकबा कुल 34 हेक्टेयर है.
मंदिर भूखंड स्थल की पैमाइश में जुटी सोहावल तहसील की टीम का नेतृत्व कर रहे राजस्व निरीक्षक दयाराम वर्मा का कहना है कि जिस भूमि और क्षेत्रफल में योगी मंदिर स्थापित किया गया है, वह जमीन आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के नाम से दर्ज है. उसकी गाटा संख्या 32 और 36 है. कुल रकबा लगभग 40 बीघा से अधिक है. जबकि बगल में स्थापित गाटा संख्या 37 में शनिदेव का मंदिर है जिसका रकबा लगभग 34 बीघा है. हालांकि मंदिर करीब एक बिसवां से कम ही जमीन पर स्थापित किया गया है. बाकी की जमीन में पहले से फूल पत्ती व पेड़-पौधे लगे हुए हैं.