नहीं रहे अटल बिहारी वाजपेयी
नहीं रहे अटल…पूरे देश में शोक की लहर, क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी भारतीय जनता पार्टी के पितामाह का आज निधन हो गया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने गुरुवार को एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली।
अटल बीते कई महिनों से अस्पताल में भर्ती थे। बुधवार देर शाम से अचानक अटल बिहारी वाजपेयी की हालत अचानक बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
गुरुवार की सुबह 24 घंटे तक जब उनकी हालत में कोई सुधार ना पाया गया तो पूरे देश में दुआओं का दौर शुरु हो गया। मंदिर से लेकर मस्जिद तक लोगों ने अटल बिहारी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दुआएं की थीं।
देखते ही देखते पूरा मंत्रीमंडल पहुंच गए अस्पताल
अटल बिहारी बाजपेयी के तबियत बिगड़ने की खबर के बाद भारतीय जनता पार्टी के हर छोटा बड़ा मंत्रियों का अस्पताल में हुजुम लग गया। सीएम योगी से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी भी अस्पताल मौजूद थे।
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फफक पड़े थे डिप्टी सीएम
जैसे ही डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को अटल बिहारी बाजपेयी के नाजुक स्थिती के बारे में पता चला तो वो अपनी आंखों के आंसूओं को रोक नहीं पाए और फफक पड़े।
कौन थे अटल बिहारी बाजपेयी
अटल बिहारी बाजपेयी भाजपा पार्टी के आधार स्तंभ थे। अटल न सिर्फ एक बेहतरीन कवि थे बल्कि पत्रकार और वाक कला में निपुण थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत माता के एक ऐसे सपूत थे, जिन्होंने स्वतंत्रता से पहले और बाद भी अपना जीवन देश और देशवासियों के उत्थान एवं कल्याण के लिए जीवन बीता दिया।
अटल का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर, 1924 को इनका जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी को तब शायद ही अनुमान रहा होगा कि आगे चलकर उनका यह नन्हा बालक सारे देश और सारी दुनिया में नाम रौशन करेगा।
अटल ने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से जो अब लक्ष्मीबाई कॉलेज कहलाता है में और कानपुर उ. प्र. के डी. ए. वी. कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की और राजनीति विज्ञान में एम. ए.की उपाधि प्राप्त की थी। सन् 1993 मे कानपुर विश्वविद्यालय द्वारा दर्शन शास्त्र में पी.एच डी की मानद उपाधि से सम्मानित किए गए।
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