Maha Kumbh 2025: प्रयागराज की संगम तट पर लगा महाकुंभ किसी पहचान का मोहताज नहीं, वो खुद में एक अद्भुत भक्ति-भाव की माया है. यहां के संगम तट पर तीन नदियां एक साथ मिलकर बहती है. जिन्हें त्रिवेणी नदी कहा जाता है. भव्य महाकुंभ के उत्सव का आनंद लेने के लिए हर कोई शामिल हो रहा है. देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. जहां कुंभ के उत्साह में डूबे विदेशी भारतीय संस्कृति की तारीफ करते थकते नहीं, ये देख ऐसा लगता है कि मानों उन्होंने भारतीय संस्कृति का चोला पहन रखा हो.
महाकुंभ के इस आयोजन ने एक बड़ा संदेश देते हुए हर किसी को ये बता दिया है कि सनातन धर्म ही सबकुछ है. इसमें न कोई-जात न पात, हर कोई एक समान है. फर्क है तो सिर्फ देखने का नजरियां है, जो हर किसी को निभाना चाहिए, ये कुंभ एकता का प्रतीक है जो हर भारतवासी को एक साथ मिलजुलकर रहने की सलाह देता है. ऐसे में महाकुंभ अपनी सनातन परंपरा वसुधैव कुटुम्बक का उदघोष है.
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महाकुम्भ के संगम तट पर विदेशी श्रद्धालुओं का दिखा अद्भुत नजारा
प्रयागराज सुनने में जितना छोटा शब्द है, उससे कही ज्यादा यहां के संगट तट पर लगे महाकुंभ की लीला गजब की है. जिसमें भारत के साथ-साथ विदेशियों ने भी एक बड़ी संख्यां में अपनी भागीदारी निभाई है. बता दें, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, रूस, फिजी, मॉरीशस, ट्रिनिडाड, टोबेको, फिजी, फिनलैंड, गुयाना, मलेशिया सिंगापुर, आइसलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ग्रीस समेत दुबई शामिल है. इस भव्य समारोह के कारण ही यूनेस्को ने योगी सरकार की खूब तारीफ की, यूनेस्कों को यूपी की सरकार का कार्य इस कदर भाने लगा कि यूनेस्को की मान्यता योगी की ब्रांडिंग बन बैठी.
महाकुम्भ की सफलता बना सन्यासी का संकल्प
गौरतलब है कि, 2017 में यूपी को एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला जो देश के प्रति जिम्मेदार होने के साथ-साथ एक सन्यासी भी हैं. इतना ही नहीं गोरखपुर के गोरक्षपीठ के वो पीठाधीश्वर भी हैं. शायद यहीं वजह है कि, उन्होंने धर्म, आध्यात्म को अपना विषय बनाया हैं. आध्यात्म से जुड़े होने के कारण योगी सरकार ने साल 2019 के कुंभ मेला के सफल आयोजन को अपना मिशन बना लिया, इसी मिशन को महाकुंभ 2025 में उतारने के लिए यूपी सरकार ने बड़ी सिद्दत के साथ जबरदस्त तैयारियां भी की, जिसका नतीजा आज चल रहे महाकुंभ 2025 कार्यक्रम में साफ देखा जा सकता है. जहां आज के तकनीकी भरे दौर को देखते हुए कुंभ 2025 को डिजिटल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
योगी सरकार के राज्य में चल रहे इस कुभ में सभी श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखकर व्यवस्था की गई है. ताकि किसी को भी किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े और हर कोई आसानी से इस कुंभ का भागीदारी बन सकें. जिसके चलते ये महाकुंभ आकर्षण का केंद्र बन गया है.