Akshay Tritiya: अक्षय तृतीया आज, सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त…

Akshay Tritiya 2025: अक्षय तृतीया को एक अबूझ महुर्तों में से माना जाता है. यह पर्व हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. इस दिन का महत्त्व है की इस दिन बिना कोई मुहूर्त के शुभ और मांगलिक कार्य किया जाता है. इस साल की अक्षय तृतीया काफी खास है क्यूंकि, ग्रहों की स्थिति के हिसाब से गजकेसरी, मालव्य,लक्ष्मी नारायण, रवि योग समेत कई योग का निर्माण हो रहा है. इन योग में मन लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा से धन की प्राप्त हो सकती है.

आज सोना खरीदने से क्यों जुड़ा है सौभाग्य?

भारत में अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना सिर्फ एक परंपरा नहीं, एक आस्था है. मान्यता है कि आज सोना खरीदने से जीवन में सुख-शांति, लक्ष्मी का वास और कभी न खत्म होने वाली समृद्धि आती है.

सोना खरीदने का सबसे शुभ समय आज कब है?

आज, 30 अप्रैल को सुबह 6:11 बजे से दोपहर 2:12 बजे तक का समय सोना खरीदने के लिए सबसे शुभ है. अगर आपने कल रात यानी 29 अप्रैल को शाम 5:31 के बाद खरीदा है, तो वह भी अक्षय फल देने वाला माना जाएगा.

सोना न खरीद पाएं तो क्या करें?

हर किसी के लिए सोना खरीदना संभव नहीं होता. लेकिन चिंता न करें, क्योंकि आप चांदी, जौ, कौड़ी, घड़ा, मटका या कोई घरेलू वस्तु भी खरीद सकते हैं. कोई नया काम शुरू करें, निवेश करें या ज़रूरतमंद को दान करें, ये सब भी अक्षय फल देते हैं.

अक्षय तृतीया पर सोना और चांदी कितना महंगा?

इस साल अक्षय तृतीया पर सोने के दाम 10 ग्राम के लिए ₹1 लाख तक पहुंच गए हैं, जबकि पिछले साल यही रेट ₹73,500 था. यानी एक साल में सोना करीब ₹26,500 महंगा हो गया है. वहीं चांदी के रेट में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. जहां पिछले साल चांदी ₹86,000 प्रति किलो थी, वहीं इस साल यह ₹1,00,000 प्रति किलो हो गई है.

पूजा का सही समय क्या है?

आज 30 अप्रैल को सुबह 5:40 से दोपहर 12:18 बजे तक का समय भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए श्रेष्ठ है. इस समय की गई पूजा से धन, सुख, शांति और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.

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अक्षय तृतीया पूजा सामग्री…

अक्षय तृतीया की पूजा में कौन-कौन सी चीजें लगती हैं, आइए जानते हैं.सबसे पहले भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो या मूर्ति की जरूरत होती है. पूजा के लिए एक लोटा या कलश में साफ जल, थोड़ा सा गंगाजल और तिलक के लिए रोली, चावल (अक्षत) लें। चंदन, हल्दी पाउडर और माता लक्ष्मी को चढ़ाने के लिए सिंदूर भी जरूरी होता है. पूजा में ताजे फूल जैसे गुलाब, कमल या गेंदा और फूलों की माला चढ़ाई जाती है. धूपबत्ती, दीपक उसमें डालने के लिए घी या तेल, रूई की बाती और माचिस, ये सब भी पास में रखें.

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क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया और क्या है इसका महत्व?

अक्षय तृतीया, जिसे अखा तीज भी कहा जाता है, वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को मनाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन त्रेतायुग की शुरुआत, भगवान परशुराम का जन्म, और गंगा का धरती पर आगमन हुआ था. यही नहीं, महर्षि वेदव्यास ने इसी दिन भगवान गणेश को महाभारत सुनाना शुरू किया था, और श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा को धन-समृद्धि का आशीर्वाद दिया था.