Parliament: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आज बजट 2025 में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कुंभ के मुद्दे पर आक्रामक नजर आए. चर्चा में अखिलेश ने महाकुंभ की भगदड़ को आगे रखा और चुन- चुन कर योगी सरकार पर हमला बोला. इतना ही नहीं अखिलेश ने हादसे में मौतों का आंकड़ा छुपाने और महाकुंभ में व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए.
दिल्ली से साध रहे यूपी की सियासत…
2024 में हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने लोकसभा का चुनाव लड़कर दिल्ली की सियासत करने चले गए और यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देकर दिल्ली के सियासी रणभूमि को चुना. इसके बाद तो यह माने जाने लगा कि अखिलेश अब लखनऊ नहीं दिल्ली की सियासत करेंगे. हालांकि, संसद के जरिए वह देश से ज्यादा यूपी की राजनीति करते ही नजर आते हैं.
योगी पर जमकर बोला हमला…
योगी सरकार के कार्यकाल में कुंभ सबसे बड़ा हिंदू धार्मिक आयोजन है, जिसके लिए बीजेपी और योगी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है. भव्य कुंभ को सफल बनाने के लिए जमकर प्रचार-प्रसार भी सरकार के द्वारा किया गया. दूसरी ओर मौनी अमवस्या पर कुंभ में मची भगदड़ ने सारे किए धरे पर पानी फेर दिया तो विपक्ष को घेरने का मौका हाथ लग गया है. यही वजह है कि संसद में अखिलेश यादव ने कुंभ में मची भगदड़ के मुद्दे पर ही योगी सरकार को नहीं घेरा बल्कि मरने वालों के आंकड़ा छिपाने को लेकर हमलावर नजर आए.
सीएम योगी के एजेंडे पर ही किया वार
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि डिजिटल कुंभ कराने वाले मृतकों के आंकड़े तक नहीं दे पा रहे. लाशें कहां फेंकी गईं, बताया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने मृतकों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी. वे घटना को छिपाने में लगे हैं. कुंभ लोग पुण्य कमाने आए थे, लेकिन वो अपनों के शव लेकर गए.
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अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में हादसे के दिन शाही स्नान वक्त पर नहीं हो पाया. शाही स्नान का एक मुहूर्त होता है, ये सनातन परंपरा रही है. यह परंपरा उस दिन टूटी है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने शाही स्नान रद्द करने का पहले आदेश दिया. जब हंगामा हुआ तो फिर शाही स्नान का आदेश दिया.
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यूपी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी खड़े किए सवाल
अखिलेश यादव ने कहा कि आप नया इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की बात करते हैं. 2022 के चुनाव से पहले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बना था. पीएम मोदी ने उद्घाटन किया, पानी बरस गया और एक्सप्रेस-वे बह गया. आज भी मेंटेनेंस चल रहा है. आजकल जो गाड़ियां चल रही हैं, अपनी रफ्तार से चलें तो पेट या कमर का दर्द होगा. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे अब तक नहीं बना. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जहां तक हम करके गए थे, वहीं तक रह गया.