गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रशासनिक भवन में लगी आग

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उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद गोरखपुर हमेशा से बच्चों की मौत को लेकर सुर्खियों में रहता है। पिछले साल बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 60 से ज्यादा मौतें होने से योगी सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन में आग लगने से हड़कंप मच गया है। भवन में आग कैसे लगी इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है लेकिन सवाल ये भी उठ रहा है कि प्रशासनिक भवन में आग लगना कहीं न कहीं वहां पर रखे सभी दस्तावेजों को नष्ट करने की कोशिश तो नहीं है। क्योंकि पिछले साल हुई मौतों को लेकर अभी जांच चल रही हैं और मामले से जुड़े कई लोगों को जेल भेजा जा चुका है।

ऑक्सीजन की कमी से हुई थीं मौतें

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान बच्चों की हुई मौततों पर बच्चों के परिजनों ने आरोप लगाया था कि ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाने से उनके बच्चों ने दम तोड़ दिया था लेकिन सरकार उन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि बच्चों की मौत बीमारी से हुई है न कि ऑक्सीजन सप्लाई ठप होने से।उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की 4 सदस्यीय कमेटी ने गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में हुए बच्चों की मौत के जिम्मेदार लोगों और हादसे के दोषियों की पहचान की थी। मुख्यमंत्री ने यह जांच रिपोर्ट मिलने कर कार्यवाही का आदेश दिया था।

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इन लोगों पर राज्य सरकार ने की थी कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की कमेटी की अनुशंसाओं को स्वीकार करते हुए कड़ी कार्रवाई करने के आदेश जारी किया था। इस रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और डॉ. कफील खान सहित 4 लोगों को दोषी ठहराया गया था। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स के संचालकों, प्रधानाचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी समेत सात से ज्यादा कर्मचारियों-डॉक्टरों को इस मामले में नामजद किया। उनके खिलाफ लापरवाही, भ्रष्टाचार और गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ है। इस मामले के सभी आरोपी फिलहाल गिरफ्तार हैं

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