Maha Kumbh 2025: प्रयागराज की संगम तट पर लगे महाकुंभ की रौनक दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जहां आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पधार रहे है। वहीं इस बीच महाकुंभ को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें, कुंभ को लेकर सोशल मीडिया ट्टिटर हैंडल पर भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही है.
जिसका वीडियो वायरल होने पर दो ट्टिटर हैंडल के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। बता दें, बीएनएस की धारा 298 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज कराया गया है।
दो आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज
जानकारी के मुताबिक, जिन दो आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, उनमें इंजीनियर सूरज कुमार और एडवोकेट नाज़नीन अख्तर का नाम शामिल है। इन दोनों का आरोप है कि इन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर महाकुंभ क्षेत्र में एक बच्ची और कुछ साधुओं की झूठी खबर बनाने वाले वीडियो पोस्ट किए थे, पोस्ट किए गए इस वीडियो में ये साफ देखा जा सकता है कि अखाड़े के कुछ साधु-संत इस बच्ची को बहला फुसला कर अपने साथ ले जा रहे थे।
इस वीडियो को देख अखाड़ा परिषदों में हंगामा मच गया। वहीं इस मामले को गंभीरता से लेते हुए महाकुंभ क्षेत्र की अखाड़ा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक भास्कर मिश्र द्वारा शिकायत दर्ज की गई। इसी के साथ ही प्रभारी निरीक्षक का ये कहना है कि ट्विटर हैंडल के यूआरएल के जरिए दोनों आरोपियों का पता लगाया जा रहा है, इसके अलावा महाकुंभ क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि, जांच-पड़ताल में जुटी पुलिस द्वारा जल्द से जल्द इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
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महाकुंभ में साधु-संतों का अपमान!
जानकारी के मुताबिक, महाकुंभ को लेकर अफवाह फैलाने वाले मामले में कुछ लोगों का कहना है कि, अपने ही धार्मिक और भारतीय संस्कृति के भव्य कार्यक्रम को लेकर इस तरह की मंशा एक शर्मसार करने वाली है, जिसे बर्दाश नहीं किया जाना चाहिए.
क्योंकि इन्हीं हरकतों से लोगों को और भी बढ़ावा मिलता है, ऐसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें ये सबक जरूर सिखाना चाहिए की पावन महाकुंभ में साधु-संतों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अंजाम क्या होता है, और वो भी ऐसे संतों के बारे में जो संतों का जीवन जीते है, इस तरह घिनौनी अफवाह फैलाना किसी अपराध से कम नहीं है। बेहतर होगा कि इन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।