अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को लगाई फटकार

0

अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अब्दुल्ला ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में ‘उदार योगदान’ देने के लिए भारत को धन्यवाद कहा और देश को अस्थिर करने की भूमिका के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई। उन्होंने हालांकि कहा कि अफगानिस्तान पाकिस्तान समेत अपने सभी पड़ोसी देशों के लिए दोस्ती का हाथ बढ़ाता रहेगा।

अब्दुल्ला भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत की यात्रा पर आए हैं।24वें सप्रू हाउस व्याख्यानमाला में उन्होंने कहा कि आतंकवाद सभी देशों के लिए खतरा है और क्षेत्र में अफगानिस्तान की स्थिरता सभी देशों के लिए फायदेमंद है।अब्दुल्ला ने कहा, “अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ संबंधों में ‘गंभीर चुनौती’ झेल रहा है।”

उन्होंने कहा, “असलियत तो यह है कि पाकिस्तान में कुछ ऐसे संगठन हैं, जो अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और उन्हें अफगानिस्तान में आतंकवाद व अस्थिरता फैलाने के लिए लगातार समर्थन मिलता है। यह हमारे और पूरे क्षेत्र के लिए गंभीर चुनौती है।”

पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि अतीत से हमें कुछ स्पष्ट सीख मिले हैं, जब कुछ आतंकवादी संगठनों को अलग उद्देश्यों के लिए बनाया गया था और वे उन्हीं के खिलाफ खड़े हो गए और लगातर उनके लिए खतरा बने हुए हैं।

उन्होंने कहा, “हमारा संदेश बिल्कुल साफ है, अफगानिस्तान की सभ्यता और समृद्धि क्षेत्र के हित में है। अफगानिस्तान अपने किसी भी पड़ोसी देश के खिलाफ खराब भाव नहीं रखता है।”उन्होंने कहा, “हमलोगों ने क्षेत्र के देशों और पड़ोसी के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है और आगे भी बढ़ाते रहेंगे। हम भी इसके एवज में ऐसा ही चाहते हैं।”

अब्दुल्ला ने कहा कि देशों को यह निर्णय लेने की जरूरत है कि ‘आतंकवाद का इस्तेमाल विदेश नीति के हथियार के रूप में नहीं किया जा सकता है।’उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान और भारत के बीच संबंध दोनों देशों के इतिहास और संस्कृति पर आधारित हैं और उन्होंने भारत की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपके उदार योगदान की वजह से दोनों देशों के बीच पिछले 16 वर्षो में संबंध मजबूत हुए हैं, जिस वजह से करोड़ों लोगों की जिंदगी में बदलाव लाया है।”

also read : ‘सीएम योगी अयोध्या’ में मनायेंगे दिवाली

अब्दुल्ला ने कहा कि शिक्षा, आधारभूत संरचना और सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में भारत की मदद की वजह से देश में स्थिरता के प्रयास, हमारी लोकतांत्रिक महत्वाकांक्षा और लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने में मदद मिली है।उन्होंने कहा कि एक दिन पहले, जब वह भारत दौरे पर आने वाले थे, उस दिन काबुल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर आतंकवादी हमला हो गया था और वह इसी वजह से नहीं आ पाए थे।

उन्होंने कहा कि एक तरफ स्थिर, लोकतांत्रिक और समृद्ध अफगानिस्तान को बनाने का प्रयास और महत्वाकांक्षा है, वहीं दूसरी ओर एक ‘छोटे समुदाय’ का आतंकवाद से लोगों के जीवन को खत्म करने का प्रयास है।उन्होंने कहा, “आतंकवाद आतंकवाद होता है और आतंकवाद के मुद्दे पर कोई ‘अच्छे और बुरे’ आतंकवादी समूह के तौर पर विभेद नहीं होना चाहिए।”

Also Read : सियासत के बीच गुम हो गया विकास !

अब्दुल्ला ने कहा कि अफगानिस्तान दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के बीच ‘न्यायपूर्ण’ भूमिका निभा सकता है।उन्होंने कहा, “हमलोग साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारत और ईरान ने चाबहार के संचालन की दिशा में प्रगति की है। हम उम्मीद करते हैं कि चाबहार के एक वर्ष में पूर्ण संचालन की भारत की घोषणा पूरी होगी।”उन्होंने कहा कि भारत, ईरान, अफगानिस्तान और अन्य देशों को इससे फायदा होगा।

अब्दुल्ला ने कहा, “हमलोग कुछ दिन पहले चाबहार बंदरगाह के रास्ते आटा प्राप्त कर इसके संचालन का पहले गवाह बने थे।”ईरान का चाबहार बंदरगाह पारस की खाड़ी के बाहर स्थित है और भारत के पश्चिमी तट से, पाकिस्तान के बाहर से वहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। एक बार इसके पूर्ण रूप से संचालित होने से भारत अफगानिस्तान में पाकिस्तान के बाहर से सामानों को भेज सकता है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More