Decision on Abbas Ansari hate speech case: उत्तर-प्रदेश के मऊ में एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारीद्वारा नफरत फैलाने वाले भाषण के एक मामले में सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है. इसी के साथ ही कोर्ट ने अब्बास पर तीन हजार का जुर्माना भी लगाया है. इस सुनवाई के बाद से अब्बास अंसारी की विधायकी भी उनके हाथ से छिन गई है. अब्बारस की सजा को देखते हुए परिजनों के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है.
जानिए किस मामले में हुई थी सुनवाई
ये मामला बीते विधानसभा चुनाव का है. यूपी के मऊ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के खिलाफ भड़काऊ भाषण और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में अपना फैसला सुनाया है.
दरअसल, 3 मार्च 2022 में चुनाव के दरमियान अब्बास अंसारी ने प्रशासन के खिलाफ तीखा और भड़काऊ बयान देते हुए खुलेआम ये कहा था कि, “चुनाव खत्म होने के बाद मऊ प्रशासन से हिसाब-किताब होगा और उन्हें सबक सिखाया जाएगा।” जिसकों लेकर जमकर विवाद भी हुआ था, इसी बयान को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन और नफरत फैलाने वाली भाषा के तौर पर देखा गया था. जिसके चलते अब्बास और उनके चाचा मंसूर अंसारी के खिलाफ मऊ कोतवाली के तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने मुकदमा दर्ज किया गया था.
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इसी मामले की सुनवाई के लिए आज कड़ी सुरक्षा के बीच एमपी-एमएलए कोर्ट में अब्बास और मंसूर हाजिर हुए. जहां कोर्ट ने अब्बास को आरोपी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई. तो वहीं आरोपी मंसूर अंसारी को छह महीने की सजा और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
इन धाराओं में दर्ज अब्बास पर मुकदमा
आपको बता दें कि, हेट स्पीच के मामले में मऊ से विधायक और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के नेता अब्बास अंसारी को कोर्ट ने दोषी करार दिया. तो मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज सजा का ऐलान किया है. जानकारी के मुताबिक, अब्बास अंसारी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की 6 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिनमें धारा 506 (आपराधिक धमकी), धारा 171F (चुनाव में गलत प्रभाव डालना), धारा 186 (सरकारी कार्य में बाधा), धारा 189 (सरकारी सेवक को धमकाना), धारा 153A (दो समुदायों में वैमनस्य फैलाना), धारा 120B (आपराधिक साजिश) शामिल है.