उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू
देहरादून। उत्तराखंड के राजनीतिक संकट ने रविवार को नया मोड़ ले लिया, क्योंकि केंद्र सरकार सोमवार को होने जा रहे कांग्रेस के मुख्यमंत्री हरीश रावत के विश्वास मत परीक्षण से पहले ही राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर राष्ट्रपति से सिफारिश की जिसे राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक विधानसभा को भंग न करने निलंबित किया गया है।
राष्ट्रपति शासन लगने से पहले ही रावत ने भाजपा पर हमला बोलते हुए रविवार को कहा कि भाजपा उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दे रही है। भाजपा ने दूसरी बार राज्य में लोकतंत्र की हत्या का प्रयास किया है। एक पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को हटाने की मांग की है, जो निंदनीय है और ये दुस्साहस भी है।
सूत्रों के हवाले से शनिवार रात को ही ये खबर आ चुकी है कि स्पीकर ने सभी नौ बागी विधायकों को मतदान के अयोग्य घोषित कर दिया है। अगर कांग्रेस के नौ बागी विधायक अयोग्य घोषित होने की वजह से विश्वास मत के दिन वोट नहीं दे पाते, तो 28 मार्च को होने वाले बहुमत के परीक्षण के दौरान सदन का समीकरण पूरी तरह से बदल जाता।
शनिवार को असम की चुनावी यात्रा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलायी जो उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने समेत केंद्र के सामने उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के लिए करीब एक घंटे चली। वैसे इस बैठक में क्या चर्चा हुई, इसके बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।