कमलनाथ ने ली सीएम पद की शपथ, दिखी विपक्ष की एकता
मध्य प्रदेश के सियासी रण में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले कमलनाथ ने सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कमलनाथ को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और एनसीपी चीफ शरद पवार सहित कई दिग्गज नेता मौजूद थे।
जंबूरी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह
मध्य प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है। फिलहाल बतौर मुख्यमंत्री कमलनाथ को शपथ दिलाई गई है, मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों का शपथग्रहण बाद में होगा। जम्बूरी मैदान में शपथ ग्रहण के लिए भव्य तैयारियां की गई थीं। मालूम हो कि कमलनाथ के पहले बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान ने भी इसी मैदान पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शपथ ग्रहण से पहले कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान के पास पहुंचकर उनसे गर्मजोशी से हाथ मिलाया। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनके बगल में मौजूद रहे। तीनों ने एक साथ हाथ उठाकर अभिवादन किया। कांग्रेस ने इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह शहर के मध्य में लाल परेड पुलिस ग्राउंड में करने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह को भव्य रूप से आयोजित करने का निर्णय किया।
साधु-संतों को भी न्योता
शपथग्रहण समारोह के लिए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कमलनाथ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू, बीएसपी प्रमुख मायावती और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव सहित अनेक प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया था। हालांकि ममता, मायावती और अखिलेश तीनों ही समारोह में शामिल नहीं हुए जबकि प्रदेश में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बीएसपी और एसपी ने समर्थन दिया है। कांग्रेस और कांग्रेस गठबंधन शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के प्रमुख उद्योगपतियों और साधु संतों को भी न्योता भेजा गया है।
कांग्रेस के लिए ‘कहीं खुशी कहीं गम’ वाली स्थिति
उधर तीन राज्यों में सीएम पद के शपथग्रहण समारोह के बीच 1984 सिख दंगों में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने से कांग्रेस के लिए ‘कहीं खुशी कहीं गम’ वाली स्थिति बन गई है। फैसला आने के फौरन बाद जेटली ने पत्रकारों से कहा, ‘यह विडंबना है कि फैसला उस दिन आया है जब सिख समाज जिस दूसरे नेता को दोषी मानता है, कांग्रेस उसे मुख्यमंत्री की शपथ दिला रही है।’ इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर पलटवार किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘अरुण जेटलीजी आपसे यह उम्मीद नहीं थी। कमलनाथजी पर ना तो इस प्रकरण में कोई FIR है ना चार्जशीट है और ना किसी अदालत में कोई प्रकरण है। 91 से केंद्र में मंत्री रहे तब आपको कोई आपत्ति नहीं थी, अब आपको क्या हो गया?’
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पोस्टर के जरिए जताया गांधी परिवार का आभार
कमलनाथ ने शपथ से पहले पूरे गांधी परिवार की तस्वीरें भोपाल की सड़कों पर लगवाईं। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से लेकर अपने अजीज मित्र संजय गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तस्वीरें शामिल है। इसी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तस्वीरें भी गांधी परिवार के बीच लगाई गई है। बता दें कि कमलनाथ गांधी परिवार के काफी करीब रहे हैं। इंदिरा गांधी के लिए वह उनके तीसरे बेटे की तरह थे तो संजय गांधी के बचपन के दोस्त।