कबीर के अनुयायियों के बहाने दलितों-पिछड़ों पर नजर

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समाज सुधार की अलख जगाने वाले कबीर ने लिखा था ‘जस काशी तस मगहर ऊसर’। हालांकि, मोदी के लिए 2014 में काशी सियासी तौर पर काफी ‘उपजाऊ’ साबित हुई थी। अब मोदी और भाजपा कुछ ऐसी ही उम्मीद मगहर के मंच से भी तलाश रहे हैं।

देश भर के कबीरपंथी मठों के प्रमुख चेहरे जुट रहे हैं

वैसे तो कबीर का कहना था ‘जात न पूछो साधु की’, लेकिन सियासत समय पर साधु और महापुरुषों को आवश्यकतानुसार जातीय तराजू पर तौलती ही रहती है। कबीरपंथियों में बड़ी संख्या दलितों-पिछड़ों की है। मगहर में कबीर के प्राकट्य उत्सव के बहाने पूरे देश भर के कबीरपंथी मठों के प्रमुख चेहरे जुट रहे हैं। ऐसे में इस मंच से मोदी महज पूर्वांचल ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय फलक की सियासत साधेंगे। साथ ही मगहर की बंद पड़ी कताई मिल सहित कुछ और योजनाओं की घोषणा कर पूर्वांचल की ‘उम्मीदों’ को भी धार देने पर नजर रहेगी।

सियासी संजीवनी’ के लिए अगला पड़ाव मगहर ही चुना है

संत कबीर ने काशी में मृत्य के बाद मुक्ति से जुड़ी वर्जनाओं को तोड़ने के लिए मगहर चुना था। यह संयोग ही है कि काशी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भविष्य की ‘सियासी संजीवनी’ के लिए अगला पड़ाव मगहर ही चुना है। मोदी गुरुवार को संत कबीर के 620वें प्राकट्य उत्सव के मौके पर मगहर में संत कबीर अकादमी का शिलान्यास और जनसभा करेंगे। इस बहाने नजर देशभर में फैले कबीर पंथियों से भी ‘समरस’ होने पर रहेगी।

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संत कबीर नगर जिला मुख्यालय से करीब पांच किमी की दूरी पर मगहर एक छोटा-सा कस्बा है। यहां कबीर की मजार, मंदिर और गुरुद्वारा तीनों की मौजूदगी कबीर की समरस वाणी की सार्थकता दर्शाती है। हालांकि, सियासतदानों के लिए कबीर और उनकी निर्वाण स्थली कभी प्रासंगिक नहीं रही। यही वजह है कि नरेंद्र मोदी मगहर पहुंचने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे। इससे पहले 2003 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ़ एपीजे अब्दुल जरूर यहां आए थे।

सियासत और ‘सत्संग’ साथ-साथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मोदी मगहर में 1.55 घंटे रहेंगे। इस दौरान संत कबीर की समाधि पर चादर चढ़ाने से लेकर कबीर के ध्यान स्थल कबीर गुफा का भी दर्शन करेंगे। दस प्रमुख संतों के साथ कबीर के दर्शन पर सत्संग भी दौरे में शामिल है। संत कबीर अकादमी के शिलान्यास के बाद मोदी जनसभा का मंच चढ़ेंगे, जिसके लिए भाजपा करीब एक महीने से तैयारियों में जुटी है। वहीं, कबीर मठ की ओर से भी मोदी के स्वागत की तैयारियां की गई है। खास तुलसी की माला से लेकर झीनी चदरिया, कबीर चरित्र और बीजक भी प्रधानमंत्री को उपहार के तौर पर दिया जाएगा।

मगहर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया

कबीर की धरती मगहर में पीएम नरेंद्र मोदी का गुरुवार को आएंगे। पिछले एक सप्ताह से लगातार शासन और प्रशासन के अलावा कई मंत्री यहां की तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने हेलिकॉप्टर से मगहर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। बुधवार को बारिश होने से कार्यक्रम स्थल पर तैयारियों को थोड़ा झटका जरूर लगा। पीएम मोदी गुरुवार को सुबह 9:50 बजे मगहर पहुंचेंगे। वे सीएम के साथ कबीर की समाधि पर जाएंगे। इसके बाद गुफा का दर्शन करेंगे। वे संत कबीर अकादमी का भी शिलान्यास करेंगे। इसके बाद सभास्थल पर जाएंगे। 12:10 बजे सभास्थल से हेलिकॉप्टर द्वारा गोरखपुर हवाई अड्डा के लिए निकलेंगे। इस दौरे की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया और तैयारियों को तुरंत पूरा करने का निर्देश दिया।

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