खौफ के साये में गाजियाबाद, घर छोड़कर भाग रहे लोग

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केरल में आंतक मचा रहे निपाह का खौफ अब गाजियाबाद तक आ पहुंचा है। हालात यहां तक पैदा हो गए है कि लोग अपना आशियाना छोड़ दूसरे इलाके की ओर कूच कर रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक सोसाइटी में चमगादड़ों का आंतक मचा हुआ है। नतीजा ये है लोग सासाइटी छोड़ने को मजबूर हो रहे है।

आपको बता दे कि केरल में निपाह वायरस आतंक मचा रहा है। जो कि चमगादड़ों से फैलता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस वायरस को लेकर एलर्ट जारी किया जा चुका है। सोसाइटी के लोगों ने प्रशासन को भी चेता दिया है लेकिन मामले को गंभीरता से लेने की बजाय अनदेखा किया जा रहा है। प्रशासन की अनदेखी शायद किसी अनहोनी को बुलावा दे रही है।

खौफ के साये में जीने को मजबूर लोग

गाजियाबाद की एक सोसाइटी में चमगादड़ों का खौफ इतना बढ़ गया है कि लोग वहां पर रहने से भी डरने लगे हैं। मामला गाजियाबाद के इंदिरापुरम के सोसाइटी का है। इसके बेसमेंट में सैकड़ों की संख्या में चमगादड़ हैं। लोग उन से परेशान है ।यह चमगादड़ कई बार गाड़ियों के आगे भी आ जाते हैं। जिससे लोग डर जाते हैं। कहा जा रहा है कि निपाह वायरस भी चमगादड़ की वजह से फैलता है।

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डर से प्रशासन को शिकायत भी की गई है। आरोप है कि प्रशासन इस पर कोई कदम नहीं उठा रहा है । अगर सोसाइटी में कोई खतरा पैदा हो गया, या वायरस जैसा कोई वायरस फैल गया, तो जिम्मेदार कौन होगा। यह सवाल खड़ा हो गया है। फिलहाल इस मामले पर प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने 2 दिन पहले निपाह वायरस को लेकर अलर्ट किया था। हालांकि लोगों की जान से खिलवाड़ होने से साफ है कि प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है।

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क्‍या है निपाह वायरस?

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के मुताबिक निपाह वायरस (NiV) एक ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। यह जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। इस वायरस का मुख्‍य स्रोत Fruit Bat यानी कि वैसे चमगादड़ हैं जो फल खाते हैं। ऐसे चमगादड़ों को Flying Fox के नाम से भी जाना जाता है।

कहां से आया निपाह वायरस?

इस वायरस की सबसे पहले पहचान 1998 में मलेश‍िया के Kampung Sungai के निपाह इलाके में हुई थी। उस वक्‍त वहां दिमागी बुखार का संक्रमण था। यह बीमारी चमगादड़ों से इंसानों और जानवरों तक में फैल गई। इस बीमारी की चपेट में आने वाले ज्‍यादातर लोग सुअर पालन केंद्र में काम करते थे। यह वायरस ऐसे फलों से इंसानों तक पहुंच सकता है जो चमगादड़ों के संपर्क में आए हों। यह संक्रमित इंसान से स्‍वस्‍थ मनुष्‍य तक बड़ी आसानी से फैल सकता है। इसके बाद 2001 में बांग्‍लादेश में भी इस वायरस के मामले सामने आए। उस वक्‍त वहां के कुछ लोगों ने चमगादड़ों के संपर्क वाले खजूर खा लिए थे और फिर यह वायरस फैल गया।

निपाह वायरस के लक्षण क्‍या हैं?

निपाह वायरस के लक्षण दिमागी बुखार की तरह ही हैं। बीमारी की शुरुआत सांस लेने में दिक्‍कत, भयानक सिर दर्द और फिर बुखार से होती है है। इसके बाद दिमागी बुखार आता है।

कैसे फैलता है निपाह वायरस?

संक्रमित चमगादड़ों, संक्रमित सुअर या संक्रमित व्‍यक्ति के संपर्क में आने से निपाह वायरस फैलता है।

निपाह वायरस का इलाज क्‍या है?

अब तक निपाह वायरस का कोई वैक्‍सीन नहीं बन पाया है। इस वायरस का एकमात्र इलाज यही है कि संक्रमित व्‍यक्ति को डॉक्‍टरों की कड़ी निगरानी में रखा जाता है।

क्‍या सावधानी बरतनी चाहिए?

चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में न आएं। खासकर पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें। इसके अलावा संक्रमित सुअर और इंसानों के संपर्क में न आएं। जिन इलाकों में निपाह वायरस फैल गया है वहां जाने से बचें।

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