पश्चिम बंगाल में तेजी से फैल रहा है RSS
तृणमूल कांग्रेस के गढ़ पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तेजी से अपने पांव पसार रहा है। संगठन ने लोगों को जोड़ने के लिए एक साल मे ही ढाई सौ शाखाओं का संचालन शुरू कर दिया है। अब शाखाओं का विस्तार ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर करने की कवायद शुरू हुई है।
2017 में इनकी संख्या बढ़कर 1350 हो गई
संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप संघ को अपने नेटवर्क के विस्तार में मदद मिली है। हुगली और दुर्गापुर में लोगों के रुझान को देखते हुए शाखाओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ। 2016 में जहां 11 सौ शाखाएं थीं, वहीं साल भर के भीतर 2017 में इनकी संख्या बढ़कर 1350 हो गई।
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संघ के एक कार्यकर्ता के मुताबिक-जिन इलाकों में लोग बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं, जहां के लोगों को सहयोग और सहायता की जरूरत है, वहां संघ को पर्याप्त महत्व मिल रहा है। शाखाओं के संचालन में लोग आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार की उपेक्षाओं के चलते संघ को अपने विस्तार में करीब 20 प्रतिशत मदद मिली है।
दक्षिण बंगाल में संघ 650 स्थानों पर 910 शाखाएं लगाता है
संघ पदाधिकारी के मुताबिक लोग शासन से नाराज हैं और वे संघ के करीब आ रहे हैं। मौजूदा समय दक्षिण बंगाल में संघ 650 स्थानों पर 910 शाखाएं लगाता है, वहीं उत्तर बंगाल में 373 स्थानों पर 452 शाखाओं का संचालन होता है। दरअसल अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में ही निर्णय लिया गया था कि पश्चिम बंगाल में संगठन के विस्तार का। इस नाते उसी निर्णय को अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
जनसत्ता
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