‘बिहार में बंदी के बाद भी बह रहीं शराब की नदियां’

0

बिहार सरकार ने गुरुवार (आठ मार्च) को स्वीकारा कि राज्य में नशाबंदी होने के बावजूद शराब की नदी बह रही है। यह बड़ा बयान निषेध और उत्पाद शुल्क मामलों के मंत्री ब्रजेंद्र प्रसाद यादव ने भाजपा एमएलसी दिलीप कुमार जयसवाल के सवाल के जवाब में कही। यादव ने इस दौरान कहा, “यह बात बिल्कुल सही है कि बिहार (Bihar) निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 के सख्त प्रावधानों के बाद भी राज्य के शहरों और कस्बों में शराब अवैध तरीके से पहुंच रही है।”

2016-18 तक छापेमारी में 1 लाख 22 हजार लोग गिरफ्तार

मंत्री ने कहा, एक अप्रैल 2016 से मार्च 2018 के बीच पुलिस और उत्पाद शुल्क अधिकारियों ने तकरीबन छह लाख 52 हजार बार छापेमारी की गई, जिसमें एक लाख 22 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई के दौरान कुल 16.4 लाख लीटर भारत में बनी विदेशी शराब (आईएमएफएल) और 12.4 लाख लीटर कई प्रकार की भारतीय शराब को जब्त किया गया। आपको बता दें कि गुरुवार (आठ मार्च) को ही चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया था कि बिहार(Bihar) में हर रोज 172 लोगों को शराबबंदी के उल्लंघन के आरोप में जेल जाना पड़ता है। यह हैरान करने वाला आंकड़ा राज्य सरकार ने बिहार(Bihar) विधान परिषद में पेश किया था।

पुलिस और नेताओं की मिलीभगत से चल रहा शराब का गोरखधंधा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार(Bihar) में शराब माफिया इस अवैध कारोबार को चलाने के लिए पुलिस, उत्पाद शुल्क अधिकारियों और कुछ नेताओं से मिलीभगत करते हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये शराब माफिया कई अन्य मामलों में भी आरोपी रहे हैं और वे इस दलदल में नए लड़कों को घसीटते हैं।

Also Read : दाऊद के करीबी टकला दुबई से किया गिरफ्तार

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में कहा कि माफियाओं के लिए काम करने वाले युवाओं के कुछ गैंग उनके लिए समस्या का सबब बन रहे हैं। ये लड़के पैसे और बाहुबल के साथ प्रशासन पर भी अपना दबदबा बना लेते हैं, जो कि चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस समस्या से अच्छी तरह परिचित हैं। बीच-बीच में वह भी इस मसले पर पुलिस और उत्पाद शुल्क अधिकायों को चेतावनी और सलाह देते रहते हैं।

जनसत्ता

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More