काशी में श्री श्री के बुलावे पर नहीं पहुंचे मुस्लिम धर्मगुरु
आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के राम मंदिर निर्माण को लेकर आम सहमति बनाने के प्रयास को गहरा धक्का लगा है। आज काशी में हुए संत समागम में कोई भी धर्मगुरु नहीं पहुंचा था। कयास लगाए जा रहे थे कि लगभग 60 हिंदू-मुस्लिम धर्मगुरू इस समागम में पहुंचेंगे। श्री श्री रविशंकर आज धर्मनगरी में संत समागम में पहुंचे थे। यहां आए आध्यात्मिक गुरू का उद्देश्य राम मंदिर निर्माण को लेकर आम सहमति बनाना था।
उनके आने से पहले ही यह बताया गया था कि इस संत समागम में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लगभग 60 धर्मगुरु शामिल होंगे। लेकिन, जब वे यहां आए तो कोई भी धर्मगुरु उनके साथ मंच साझा करने नहीं पहुंचा। इस मामले में पूछने पर उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया।
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सांस्कृतिक संकुल में संत समागम के बाद श्री श्री ने काशी स्टेशन से 1200 अनुयायियों के साथ ओम अनुग्रह यात्रा की भी शुरुआत की। इससे पहले श्री श्री ने मंच से बोलते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले के आधार पर राम मंदिर का निर्माण करना उचित है, लेकिन मेरा मानना है कि यह आपसी समझौते से हो तो ज्यादा बेहतर होगा।
भविष्य में फिर उठ सकता है यह मुद्दा’
श्री श्री रविशंकर ने कहा कोर्ट के फैसले के बाद जो पक्ष हारेगा वह आने वाले 50 से 100 साल बाद इस मुद्दे को फिर से उठा सकता है कि जमीन हमारी तो मंदिर उनका क्यों बना। श्री श्री ने कहा कि इसलिए मैं इस बात का पक्षधर हूं कि दोनों समुदाय मिलकर वहां पर एक भव्य राम मंदिर का निर्माण कराएं ताकि जब निर्माण के बाद वहां पर शिलापट लगे तो उसमें यह लिखा जा सके कि दोनों धर्मों की सहमति से इस भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है।
मंदिर से थोड़ी दूरी पर जमीन देने की कही बात
श्री श्री ने कहा कि मंदिर में भगवान के पास यदि हम कुछ मांगने जाते हैं तो दक्षिणा चढ़ाते हैं इसलिए हम भी वह जमीन ऐसे ही नहीं लेंगे। हमको यदि मुस्लिम धर्म के लोग उस जमीन पर राम का भव्य मंदिर बनाने देने के लिए राजी हो जाते हैं तो हम भी उन्हें उसके बदले में उसी से थोड़ी दूरी पर दूसरी जमीन देंगे। फिर वह जमीन पर मस्जिद बनाएं या अस्पताल यह उनके ऊपर निर्भर करता है।
विवादित स्थल पर नहीं पढ़ा जा सकती नमाज
श्री श्री ने यह भी कहा कि मुस्लिम धर्म में ही लिखा है कि किसी भी विवादित स्थल पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती। इसलिए दोनों समुदायों के सौहार्द के साथ यहां पर भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। श्री श्री ने कहा कि कुछ लोग बेवजह का मामले का विरोध करते हैं। 1 फीट जमीन के टुकड़े के लिए लोग मरने-मारने को तैयार रहते हैं। महाभारत भी इसीलिए हो गई। श्री श्री ने विरोध करने वालों को दुर्योधन की संज्ञा देते हुए कहा कि मुझे ऐसे लोगों के विरोध का कोई फर्क नहीं पड़ता है।
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