बीबी के तानों को कोर्ट ने माना क्रूरता

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गोद न भर पाने पर पत्नी के तानों को क्रूरता मानते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने 62 साल के बुजुर्ग पति की तलाक की अपील पर मुहर लगा दी। पति की मई 2010 में फैमिली कोर्ट  के तलाक नामंजूर करने के फैसले को चुनौती देते हुए दायर याचिका का जस्टिस केके तातेड़ और एसके कोटवाल की डिविजन बेंच ने निपटारा कर दिया।

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जो क्रूरता की श्रेणी में आता है

उक्त शख्स ने 1995 में फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की थी।आपको बता दें कि निचली अदालत में दायर याचिका में पति ने आरोप लगाया था कि उसकी 56 साल की पत्नी ने उसके साथ कभी अच्छा बर्ताव नहीं किया। उसके खिलाफ बिना सबूत तमाम शिकायतें कीं, जो क्रूरता की श्रेणी में आता है।

दोनो की शादी 1972 में हुई थी

उक्त वरिष्ठ नागरिक ने यह भी आरोप  लगाया था कि गर्भ धारण न कर पाने के लिए भी उसकी पत्नी उसे ही दोषी ठहराती है। दोनों की शादी 1972 में हुई थी, लेकिन लगातार झगड़ों और तनातनी के कारण वे 1993 से अलग रह रहे थे। कोर्ट ने हालांकि पति से अपनी तलाकशुदा पत्नी को हर महीने खर्च देते रहने का निर्देश दिया और जिस फ्लैट में महिला रहती है उसे लेकर भी विवाद न करने को कहा है।

nbt

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