रेलवे में जीपीएस बैंड से लैस होंगे ट्रैकमैन कर्मी
रेलवे पटरियों पर काम करने वाले ट्रैकमैन व गैंगमैन कर्मियों को जल्द ही जीपीएस बैंड से लैस कराएगा। इस बैंड की मदद से पटरियों पर काम से नदारद रहने वाले कर्मियों का भी आसानी से पता लगेगा। वहीं, पटरियों पर दौड़ने वाली ट्रेनों और सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा व संरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
रेलवे में पटरियों की देखरेख के लिए गैंगमैन व ट्रैकमैन लगाए जाते हैं।
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पटरियों की देखरेख व दुरुस्त करने की जिम्मेदारी इन्हीं की होती है। किसी भी रेल हादसे में सबसे पहले गैंगमैन व ट्रैकमैन पर ही प्रश्न चिन्ह लगता है। दरअसल, संरक्षा से जुड़े इनमें अधिकांश कर्मियों रेलवे अधिकारी अपने यहां लगाए रखते हैं। वहीं, अधिकांश कर्मी पटरियों पर काम के समय नदारद रहते हैं।
लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। रेलवे ट्रैकों की सुरक्षा बढ़ाने और पटरियों की देखरेख के लिए गैंगमैन व ट्रैकमैन को जीपीएस बैंड पहनाने जा रहा है। इसके लिए उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे में जल्द ही टेंडर भी किए जाएंगे। दरअसल, रेलवे को यह बार-बार शिकायत मिल रही थी कि ट्रैकमैन पटरियों पर ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं और गायब रहते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे अब यह फार्मूला अपनाने जा रहा है।
वेर्स्टन जोन में हुई शुरुआत
रेलवे के वेर्स्टन जोन में सबसे पहले जीपीएस बैंड पहनाकर गैंगमैन व ट्रैकमैन कर्मियों से काम कराया जाना शुरू हो चुका है। इसी आधार पर उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे अब अपनी पटरियों पर संरक्षा को बढ़ावा देगा और रेल हादसों में कमी लाएगा।
मंडल कार्यालय में बनेगा कंट्रोल रूम
जीपीएस सिस्टम से लैस कर्मियों के लिए मंडल कार्यालय में एक कंट्रोल रूम बनेगा। जहां से पटरियों पर काम करने वाले कर्मियों पर निगरानी रखी जाएगी। वहीं, पटरी से गायब होने पर तुरंत इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को मिल जाएगी।
शिवेंद्र शुक्ला, सीनियर डीसीएम, उत्तर रेलवे ने कहा…
रेलवे जल्द ही अपने यहां गैंगमैन व ट्रैकमैन को जीपीएस बैंड से लैस करेगा। इससे संरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और हादसों में कमी आएगी। जल्द ही इसके लिए टेंडर कराए जाएंगे।
शिवेंद्र शुक्ला, सीनियर डीसीएम, उत्तर रेलवे।
(साभार- हिंदुस्तान)