कमिश्नर करेंगे जांच, कैसे कटे नाम
राजधानी में नगर निगम की वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने शिकायतों की जांच के लिए लखनऊ के कमिश्नर अनिल गर्ग की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी है। एनबीटी में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेते हुए िजला निर्वाचन अिधकारी ने सोमवार को तीन बीएलओ और सात जोनल अधिकारियों को नोटिस भेजकर 24 घंटे में जवाब तलब किया है। लखनऊ में रविवार को मेयर एवं पार्षद के चुनाव के लिए मतदान हुआ था, जिसमें हजारों मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे।
लखनऊ के कमिश्नर को पूरे मामले की जांच सौंपी है
इसमें आम से लेकर खास तक सब शामिल थे। शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने लखनऊ के डीएम कौशलराज शर्मा और प्रेक्षक महेश गुप्ता से रिपोर्ट मांगी है। निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने लखनऊ के कमिश्नर को पूरे मामले की जांच सौंपी है।वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों पर राजभवन की भी नजर है। राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि यह सही है कि पिछली बार से मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि, वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों की शिकायतें निर्वाचन आयोग तक पहुंची हैं। आयोग ने इस पर कार्रवाई करने को कहा है।
छपाई के लिए फीडिंग के दौरान यह नाम छूट गए थे
हम निर्वाचन आयोग से की गई कार्रवाईयों पर रिपोर्ट मांगेंगे।नगरीय निकाय की वोटर लिस्ट में वीवीआईपी के पोलिंग बूथों से लौट जाने के मामले में 110 वॉर्डों की वोटर लिस्ट की सोमवार को जांच करवाई गई। उप जिला निर्वाचन अधिकारी शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, मंत्री डॉ.रीता बहुगुणा जोशी व राज्य सभा सांसद संजय सेठ का नाम न 2012 की वोटर लिस्ट में था और न ही इस बार इन्होंने आवेदन किया। पूर्व मेयर दाऊजी गुप्त समेत उनके परिवार के 20 सदस्यों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं थे। बीएलओ ने नाम नहीं काटे थे, छपाई के लिए फीडिंग के दौरान यह नाम छूट गए थे। इनके परिवार के चार लोगों के नाम नए जुड़े थे, उन्होंने वोट भी दिए।
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लखनऊ पश्चिम सीट से बीजेपी के विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयुक्त समाजवादी पार्टी के वक्त से इस पद पर हैं। ऐसे में वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों की जिम्मेदारी भी उनकी ही है, जिनका वोटिंग का अधिकार छिना क्या उन्हें वह मिल पाएगा/ सुरेश श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी बहू का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था। उनके पिताजी का नाम तक गलत हो गया। बालागंज वॉर्ड के बूथ संख्या-277 पर 29 नवंबर को पुनर्मतदान होगा। रविवार को यहां ईवीएम में मेयर और पार्षद पद के उम्मीदवारों की वोटिंग में अंतर पाए जाने पर ईवीएम सील कर दूसरी मशीन लगवाने के बाद मतदान करवाया गया था।
ड्यूटी लगाने में भी कई गलतियां और गड़बड़ियां देखने को मिली
इससे बीजेपी के पार्षद उम्मीदवार अशोक कुमार सहमत नहीं थे और चुनाव आयोग से दोबारा मतदान की मांग की थी।इस साल चुनाव के दौरान मतदाताओं को इस बार खासी मश्कत उठाना पड़ी। इस बार न सिर्फ लिस्ट से मतदाताओं के नाम गायब तो किसी को माली को बना दिया बीएलओ। इतना ही नहीं चुनाव में ड्यूटी लगाने में भी कई गलतियां और गड़बड़ियां देखने को मिली। नगर निगम चुनाव में वोट देने से वंचित रहे सैकड़ों मतदाता ऐसे भी हैं, जिनके घर तक बीएलओ आए, नाम रजिस्टर में नोट कर ले गए, लेकिन वोटर लिस्ट आई तो उनके नाम नदारद थे। कश्मीरी मोहल्ला, दरगाह हजरत अब्बास, रुस्तम नगर, घंटा बेग की गढ़ैया और वजीरबाग सहित पुराने शहर के कई इलाकों में ऐसे मामले सामने आए हैं। इसके अलावा बहुतेरे लोगों का आरोप था कि उनका बूथ बदल दिया गया, लेकिन न तो वोटर पर्ची भेजी गई, न किसी ने बताया। आयोग ने शिकायतों की जांच के लिए लखनऊ के कमिश्नर अनिल गर्ग की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी है। एनबीटी में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेते हुए िजला निर्वाचन अिधकारी ने सोमवार को तीन बीएलओ और सात जोनल अधिकारियों को नोटिस भेजकर 24 घंटे में जवाब तलब किया है।
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लखनऊ में रविवार को मेयर एवं पार्षद के चुनाव के लिए मतदान हुआ था, जिसमें हजारों मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे। इसमें आम से लेकर खास तक सब शामिल थे। शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने लखनऊ के डीएम कौशलराज शर्मा और प्रेक्षक महेश गुप्ता से रिपोर्ट मांगी है। निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने लखनऊ के कमिश्नर को पूरे मामले की जांच सौंपी है।नगरीय निकाय की वोटर लिस्ट में वीवीआईपी के पोलिंग बूथों से लौट जाने के मामले में 110 वॉर्डों की वोटर लिस्ट की सोमवार को जांच करवाई गई।
परिवार के 20 सदस्यों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं थे
उप जिला निर्वाचन अधिकारी शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, मंत्री डॉ.रीता बहुगुणा जोशी व राज्य सभा सांसद संजय सेठ का नाम न 2012 की वोटर लिस्ट में था और न ही इस बार इन्होंने आवेदन किया। पूर्व मेयर दाऊजी गुप्त समेत उनके परिवार के 20 सदस्यों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं थे। बीएलओ ने नाम नहीं काटे थे, छपाई के लिए फीडिंग के दौरान यह नाम छूट गए थे। इनके परिवार के चार लोगों के नाम नए जुड़े थे, उन्होंने वोट भी दिए।
चुनाव आयोग से दोबारा मतदान की मांग की थी
आवेदन नहीं किया तो कैसे जुड़े नाम!बालागंज वॉर्ड के बूथ संख्या-277 पर 29 नवंबर को पुनर्मतदान होगा। रविवार को यहां ईवीएम में मेयर और पार्षद पद के उम्मीदवारों की वोटिंग में अंतर पाए जाने पर ईवीएम सील कर दूसरी मशीन लगवाने के बाद मतदान करवाया गया था। इससे बीजेपी के पार्षद उम्मीदवार अशोक कुमार सहमत नहीं थे और चुनाव आयोग से दोबारा मतदान की मांग की थी।
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