बाल आनन्द महोत्सव : देश की बाल प्रतिभाओं ने उकेरी अभिनव आकृतियां
मध्य प्रदेश स्थित मुरैना के जौरा में चल रहे बाल आनन्द महोत्सव के दूसरे दिन पूरे भारत से आये बच्चों के लिए आनन्द का माहौल था। मेहमान बच्चे महोत्सव स्थल पर सुबह 9 बजे तक आ चुके थे। यहां ध्वजारोहण के साथ आज के उत्सव के कार्यक्रमों का प्रारंभ किया गया। जब महोत्सव के संस्थापक डा. एस.एन. सुब्बाराव (भाई जी) ने गाने, खेल के माध्यम से सभी बच्चों का मन ऐसे मोह लिया कि एक भी बच्चा पंडाल से बाहर नहीं था और पूरा वातावरण भाई जी के समूह गान से गुंजायमान हो चुका था।
बच्चों को दिया शांति और खुशहाली लाने का संदेश
बच्चों को संदेश देते हुए भाई जी ने कहा कि पूरी दुनिया में सुख, शांति एवं खुशहाली लानी है तो हमको जाति, धर्म, प्रांतीयता की भावनाओं से ऊपर उठकर मानवीयता का रिश्ता बनाना होगा। यहां शामिल हजारों बच्चों के मन और दिल एक जैसे हैं उनके दिल में विभाजन की कोई लकीरें नहीं हैं, लेकिन बड़े होते बच्चों के सुकोमल दिलों में विभाजन के अंकुर डाल दिये जाते हैं। इसलिए बाल आनन्द महोत्सव में ऐसे संस्कारों से बच्चों को संस्कारित करना है ताकि बच्चों का दिल बड़ा बन सके तभी हम कह सकते हैं कि सारा जगत हमारा है।
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मन मोह लेने वाले कार्यक्रमों का हो रहा आयोजन
बाल महोत्सव में आज बच्चों को 18 प्रकार की कलाओं में भाग लेकर प्रदर्शन करने का मौका दिया गया। जहां बच्चों ने पूरे उत्साह, उमंग और जोश के साथ प्रदर्शन किया। एक तरफ कागज पर बाल प्रतिभाओं ने अद्भुत चित्रकारियां बनाईं, वहीं दूसरी तरफ कुछ बच्चे मिट्टी की मूर्तियां बनाने में व्यस्त रहे। पांच हजार वर्गफीट जगह में बालक-बालिकाओं ने अद्भुत रंगोलियां बनाईं तो गायन, भाषण प्रतियोगिता, योगासन, संगीत में भी बच्चे पीछे नहीं रहे। जौरा जैसे छोटे कस्बे में पूरे भारत से आये हुए बाल कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कलाओं का प्रदर्शन भी शुरू होगा जिसमें उत्तर पूर्व, दक्षिण, उत्तर दिशा, मध्यभारत क्षेत्र से आये हुए बाल कलाकार अपने-अपने राज्यों की वेष-भूषा में हिस्सा् लेंगे।
देश के 24 राज्यों के बच्चों ने किया है शिरकत
इस अवसर पर राष्ट्रीय युवा योजना के राष्ट्रीय सचिव करियल सुकुमारन ने बताया कि देश में यह एक मात्र आयोजन है जिसको राष्ट्रीय युवा योजना, नई दिल्ली, प्रतिवर्ष देश के किसी दूरस्था जगह पर आयोजित करती है और देश भर के बच्चे स्वेच्छा से उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। आज के विभिन्न कार्यक्रमों का संयोजन करने में महाराष्ट्र से आये श्री बाल विजय भाई का तथा 24 राज्यों से आये शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का बड़ा योगदान रहा। महात्मा गांधी सेवा आश्रम के सचिव डा. रनसिंह परमार ने बताया कि आज के बाल महोत्सव में 1200 बालक बालिकाओं ने हिस्साह लिया।