राहुल का अध्यक्ष बनना तय, 19 दिसम्बर को होगा अहम फैसला
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास पर कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठक चल रही है। इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 16 दिसंबर को होगा चुनाव और 19 दिसंबर को इसके नतीजे आएंगे।
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वहीं पार्टी की ओर से राहुल को पार्टी का अण्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव पास कर दिया गया है। ऐसे में अब राहुल गांधी का अध्यक्ष पद के लिए चुना जाना औपचारिकता मात्र रह गया है। सूत्रों की ओर से कहा गया है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में ही कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। पार्टी अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी की ताजपोशी के रोडमैप की घोषणा करते हुए कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने आज अपनी बैठक में के अगले प्रमुख के चुनाव के लिए चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया।
राहुल गांधी की ताजपोशी लगभग तय
पार्टी सूत्रों ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया एक दिसंबर को अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू होगी। सूत्रों का कहना है कि दिसंबर के पहले ही सप्ताह में पार्टी अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी की ताजपोशी लगभग तय है। गौरतलब है कि वह नौ दिसंबर को गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी प्रमुख का पद संभाल सकते हैं।
एकमात्र उम्मीदवार होने की संभावना जतायी जा रही है
कांग्रेस की सर्वोच्च निणार्यक समिति सीडब्ल्यूसी ने आज अपनी महत्वपूर्ण बैठक में चुनाव कार्यक्रम को मंजूरी दी। पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित दल के सभी महत्वपूर्ण नेता और महासचिवों ने हिस्सा लिया। सूत्रों ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के एकमात्र उम्मीदवार होने की संभावना जतायी जा रही है। पार्टी के संगठन चुनाव 31 दिसंबर से पहले पूरे होने हैं। निवार्चन आयोग ने पाटीर् को अपना संगठन चुनाव खत्म करने के लिए इस वर्ष के अंत तक का समय अंतिम बार दिया है।
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कांग्रेस उपाध्यक्ष के तौर पर आगे बढ़ाया गया था
साल 2004 में राहुल ने उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव जीता था और यहीं से उनकी राजनीतिक पारी का आगाज हो गया था। साल 2007 में उन्होंने कांग्रेस महासचिव के तौर पर संगठन में नई जिम्मेदारी संभाली। संप्रग की दस साल की सत्ता के दौरान उन्हें कई बार मनमोहन सिंह ने अपने कैबिनेट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया, मगर राहुल ने इनकार कर दिया। जयपुर में जनवरी 2013 में राहुल को औपचारिक रूप से सोनिया गांधी का उत्तराधिकारी बनाते हुए उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष के तौर पर आगे बढ़ाया गया था।
साभार – हिंदुस्तान)
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