जानें क्या होता है बैंचिंग और यंग जेनरेशन का इसकी तरफ क्यों हो रहा है झुकाव ?
आजकल यंग जेनरेशन में बेंचिंग (benching) और बिना कमिटमेंट के रिलेशनशिप के बढ़ते चलन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। बेंचिंग एक प्रकार का भावनात्मक खेल है, जिसमें लोग एक व्यक्ति को रोमांटिक रूप से दिलचस्पी दिखाते हैं, लेकिन किसी गंभीर रिश्ते में नहीं जाते है. इसी तरह, बिना कमिटमेंट के रिलेशनशिप का ट्रेंड भी युवाओं में बढ़ रहा है, जहां लोग एक-दूसरे के साथ समय तो बिताते हैं, लेकिन किसी भी प्रकार की भविष्य की जिम्मेदारी लेने से बचते हैं।
क्या होती है बेंचिंग ?
बेंचिंग (Benching) एक ऐसा शब्द है जो रोमांटिक रिश्तों और डेटिंग के संदर्भ में इस्तेमाल होता है. इसका मतलब है कि, जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को भावनात्मक रूप से आकर्षित करता है या उसके साथ समय बिताता है, लेकिन किसी गंभीर और स्थायी रिश्ते में नहीं जाता है. यह किसी व्यक्ति को विकल्प के तौर पर रखना जैसा होता है, यानी उस व्यक्ति को एक विकल्प के रूप में रखा जाता है, लेकिन उसे मुख्य पार्टनर के रूप में नहीं अपनाया जाता है.
बेंचिंग रिलेशनशिप के बढ़ने के कारण:
सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स का प्रभाव
आजकल सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स ने रिश्तों को पहले से कहीं ज्यादा जटिल बना दिया है. यहां पर एक व्यक्ति कई लोगों के संपर्क में रहता है, जिससे वह भ्रमित हो सकता है. लोग अक्सर यह चाहते हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा विकल्पों को तलाशें, लेकिन बिना किसी गंभीरता से लिए बिना.
स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्पेस
युवा पीढ़ी आजकल स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्पेस की ओर अधिक आकर्षित हो रही है. वे रिश्तों में बंधे बिना अपनी लाइफस्टाइल और करियर को प्राथमिकता देना चाहते हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि वे प्यार या दोस्ती से बचते हैं, बल्कि वे इसे किसी भी तरह के कमिटमेंट या जिम्मेदारी के बिना अपनाना चाहते हैं.
भविष्य की अनिश्चितता
कई लोग रिश्तों को एक भारी जिम्मेदारी मानते हैं और भविष्य की अनिश्चितता के चलते वे किसी भी प्रकार के स्थायी कमिटमेंट से बचते हैं. इससे वे भावनात्मक रूप से जुड़े तो रहते हैं, लेकिन किसी भी तरह के लंबी अवधि के संबंध में प्रवेश नहीं करना चाहते.
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रिश्तों में असुरक्षा और धोखा
वर्तमान समय में रिश्तों में धोखा और असुरक्षा के मामलों की संख्या बढ़ी है, जो बेंचिंग और बिना कमिटमेंट के रिलेशनशिप को प्रोत्साहित कर रही है. लोग डरते हैं कि कहीं उनका पार्टनर उन्हें धोखा न दे, या वे रिश्ते को निभाने में सफल न हो सकें. इसलिए, वे बिना किसी गहरी भावना के रिश्तों में बने रहते हैं.
पारंपरिक रिश्तों की तुलना में अधिक लचीलापन
युवा पीढ़ी में पारंपरिक रिश्तों की अपेक्षाएं कम हो गई हैं, जहां शादी, परिवार और स्थायित्व को प्राथमिकता दी जाती थी. अब लोग अपने रिश्तों में अधिक लचीलापन और सहजता चाहते हैं, इसके चलते बेंचिंग और बिना कमिटमेंट के रिश्ते लोकप्रिय हो रहे हैं.