वाराणसी: आईएमएस बीएचयू को एम्स बनाने की राह पर बढे एक और कदम, एमओयू पर लगी मुहर

डॉ ओम शंकर ने कहा कि 13 वर्षों का संघर्ष आया काम

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वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत एम्स की तर्ज पर सहयोग और सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं. सर सुंदरलाल अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर ओम शंकर सिंह ने आज इसी संबंध में पत्रकारों से वार्ता की.

डॉ ओम शंकर सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार की मांग हम लगभग 13 वर्षों से कर रहे हैं. जिससे गरीब कमजोर तबके को स्वास्थ्य का का लाभ मिल सके तथा उन्हें कम पैसा खर्च करना पड़े. उन्होंने बताया कि सन 2011 में पहली बार हमने स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार को लेकर आमरण अनशन किया था. उस समय भाजपा शासन में नहीं थी परंतु मुरली मनोहर जोशी हमसे मिलने आए थे. उस समय बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर लालजी सिंह थे.

तत्कालीन कुलपति ने फंसाया था पेच

प्रो. ओम शंकर ने बताया कि एम्स की राह पर चलने के लिए सब कुछ कंफर्म हो गया था और एमओयू पर हस्ताक्षर होने वाले थे. लेकिन इसमें सबसे बड़ा पेच यह फंसा था कि अगर एम्स बन जाता तो कुलपति के हाथों से इसकी बागडोर निकल जाती. जिसके कारण सर सुंदर लाल चिकित्सालय एम्स नहीं बन सका. उस समय कांग्रेस का शासन था और अब भाजपा का शासन आ गया उसके बाद भी एम्स बनने से काफी दूर सुंदर लाल चिकित्सालय रह गया.

स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार को लेकर हमारा प्रयास लगातार जारी रहा और काशी में एम्स बनाने की मांग भी हम बुलंद करते रहे. उन्होंने बताया कि जिस तरह से एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं उसे यह परिलक्षित होता है कि आईएमएस आगामी दिनों में एम्स बनने के लिए तैयार रहेगा. उन्होंने इस बात पर काफी संतुष्टि जाहिर की है कि धीरे-धीरे ही सही बीएचयू एम्स की तरफ बढ़ रहा है.

पीएम स्वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना के तहत एमओयू पर हस्ता्क्षर

बता दें कि शुक्रवार को नई दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की उपस्थिति में पीएम स्वापस्येन सुरक्षा योजना के तहत एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए. जिसमें स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि यह एमओयू विभिन्न विभागों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे जनहित के साझा लक्ष्यों को हासिल किया जा सके. उन्होंने कहा कि यह एमओयू एम्स दिल्ली, तथा आईएमएस, बीएचयू, को बीच करीबी साझेदारी को स्थापित करेगा.

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शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि इस एमओयू से दोनो संस्थानों के बीच शैक्षणिक व अनुसंधान साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा तथा विशेष तौर पर क्लिनिकल व स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने का मार्ग प्रशस्त होगा. कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि आज का अवसर विशिष्ट है क्योंकि किसी एक संस्थान को दो मंत्रालयों द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय शिक्षण गुणवत्ता तथा अनुसंधान उत्पादकता में बढ़ोतरी करेगा और एमओयू का शब्दशः क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा. एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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