World Heart Day 2024: हर साल क्यों मनाया जाता है विश्व ह्रदय दिवस, क्या है इसका इतिहास, महत्त्व और थीम…

29 सितम्बर को विश्व ह्रदय दिवस मनाया जाता

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World Heart Day 2024: आज हम ऐसे युग में जी रहे हैं जहां हार्ट अटैक एक आम बात होती जा रही है. इसका कारण है प्रदूषण, अनहेल्दी खान-पान, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल. देश में कोरोना के बाद देखा गया है कि युवाओं में दिल की बीमारी तेजी से बढ़ी है. हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसी समस्याएं आज लाखों लोगों की जिंदगियां छीन रही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल लोगों को जागरूक करने के लिए आज ही के दिन यानि 29 सितम्बर को विश्व ह्रदय दिवस मनाया जाता है.

तो आइए जानते हैं क्या है इसका इतिहास, महत्त्व और इस साल की थीम…

विश्व ह्रदय दिवस का इतिहास…

गौरतलब है कि इस दिन को पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में बताना और उन्हें स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करना है. कहा जाता है कि इस दिन को मनाने को विचार सबसे पहले विश्व ह्रदय महासंघ नमक एक संस्था के पूर्व अध्यक्ष एंटोनी बार्ड डी लूना को आया था. उन्होंने देखा कि बहुत सरे लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. इसलिए उन्होंने लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए एक दिन निर्धारित किया. पहली बार इसे साल 2000 में मनाया गया लेकिन उसके बाद सितम्बर के आखिरी रविवार को रखा गया. उसके बाद 29 सितम्बर की तारीख निर्धारित कर दी गई.

जानें क्या है इसका महत्त्व…

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी लोग बहुत ज्यादा काम करते हैं. तनाव में रहते है और सही तरह का खाना नहीं खाते हैं. इस वजह से बहुत सारे लोगों को लोग दिल की बीमारी हो रही है. दुनियाभर में हर साल लाखों लोग दिल की बीमारी की वजह से मर रहे हैं. कोरोना वायरस फैलने के बाद से तो ये समस्या आम बात हो गई है क्योंकि कोई जिम तो कोई नाचते हुए मर जा रहा है. लेकिन अब तो छोटे-छोटे बच्चे भी इससे पीड़ित हो रहे हैं. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को हार्ट हेल्थ के प्रति जागरूक करने का है.

इस साल की थीम…

गौरतलब है कि इस बार विश्व हृदय दिवस 2024 की थीम “Use Heart for Action” हमें एक गहरा संदेश देती है. इसका अर्थ है कि हमें अपने दिल की सुननी चाहिए. अपनी भावनाओं को समझना चाहिए और फिर उन भावनाओं को कार्यों में बदलना चाहिए. जब हम दिल से कोई काम करते हैं, तो हम उसमें पूरी तरह खो जाते हैं और जाहिर तौर पर परिणाम भी बेहतर मिलते हैं. यह थीम हमें हार्ट हेल्थ के महत्व को समझाती है. एक हेल्दी हार्ट हमें एक्टिव रहने, अपने लक्ष्यों को हासिल करने और जीवन का भरपूर आनंद लेने में मदद करता है.

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शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लोग गंभीर नहीं-

राजधानी लखनऊ में हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक अग्रवाल का कहना है कि लोगों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि अपनी शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं होते हैं. खाने-पीने घूमने फिरने में ज्यादा खर्च करेंगे, लेकिन शरीर को स्वस्थ रखने में नियमित हेल्थ चेकअप नहीं कराते हैं. हम लोग काम के दबाव के नीचे दबकर प्रेशर कुकर बन गए हैं. आज हम मोबाइल फोन पर बात करते हुए नाश्ता और खाना खाते हैं.

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भारत में दिल की बीमारी की स्थिति

भारत में पिछले 8 सालों में दिल कि बीमारी के मरीज बढ़ गए है. देश में कोरोनरी आर्टरी डिसीज़ (सीएडी) के मरीजों की संख्या 100 प्रतिशत (3.5%-8.7%) तक बढ़ गई है जो 25 साल से कम उम्र वाली महिलाओं यानि 25 से 44 साल के बीच की महिलाओं में सीएडी बीमारी मिली है. भारत में सीएडी यानी 45 से 54 साल की उम्र वाली महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा पाया गया है. महिलाओं में कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी का प्रतिशत पिछले 3-4 साल में 80 के दशक के अंतिम सालों से 90 के दशक के आरम्भिक वर्षों तक 6 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हुआ है.

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