सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी रिहा नहीं हो सकेंगे केजरीवाल , जानें वजह ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दिल्ली आबकारी नीति केस में अंतरिम जमानत दी है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली एक याचिका अदालत ने सीनियर बेंच को भेजी है.
इस वजह से रिहाई के लिए करना होगा इंतजार
अरविंद केजरीवाल की याचिका को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सीनियर बेंच को भेजा है ताकि PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता या आवश्यकता को स्पष्ट कर सके. इसके चलते जमानत मिलने पर भी अरविंद केजरीवाल जेल में ही रहेंगे. ईडी केस में जमानत मिलने के बावजूद वे सीबीआई की हिरासत में हैं. इसलिए उन्हें अपनी रिहाई के लिए लंबा इंतजार करना होगा.
जस्टिस खन्ना ने कही ये बात
बेंच का फैसला सुनाते हुए जस्टिस खन्ना ने कहा है कि, ‘गिरफ्तारी PMLA की धारा 19 के तहत विश्वास करने की वजहों के पैमाने को पूरा करती है. बेंच ने अब तक उनकी कैद को देखते हुए उन्हें जमानत देने का फैसला किया. बेंच ने साफ कहा है कि अंतरिम जमानत के सवाल को सीनियर बेंच संशोधित कर सकती है.’
क्या है सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमलाइन ?
17 मई 2024 को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने केस पर फैसला सुरक्षित रखा था. आज बेंच ने फैसला सुनाया है. अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत के खिलाफ अंतरिम राहत नहीं दी थी. 10 मई को जमानत मिली. उन्हें चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी. 2 जून को अवधि समाप्त होने पर उन्हें वापस तिहाड़ जेल जाना पड़ा था. दूसरी ओर दिल्ली सीएम ने ईडी द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी को लेकर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. 9 अप्रैल को सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके बाद वे तुरंत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और 15 अप्रैल को उनकी याचिका पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया था.
क्या रही केजरीवाल की कोर्ट में दलील
अरविंद केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले की सुनवाई के दौरान दलीलें दीं है. उन्होंने अरविंद केजीवाल की गिरफ्तार की चुनौती दी है. गिरफ्तारी के दौरान ईडी की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. इसके साथ अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों के बाद ईडी के एएसजी राजू से पांच सवाल पूछे और उनके जवाब देने को कहा . ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दलील दी कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं जो बताते हैं कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की मांग की थी. गोवा में चुनाव प्रचार के दौरान ये पैसे खर्च किए गए. ईडी ने भी अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति बनाने का प्रमुख साजिशकर्ता बताया है.
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क्या है केजरीवाल की आपत्तियां ?
सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजीरवाल के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी का समय संदिग्ध है. अगस्त 2022 में ECIR दर्ज की गई, लेकिन केजरीवाल को चुनाव से डेढ़ साल पहले गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट ने उन्हें राहत दी और अस्थाई रूप से चुनाव प्रचार करने की अनुमति दी. 2 जून को उन्हें छोड़ना पड़ा. 20 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को जमानत दी, जिस पर हाई कोर्ट ने स्टे लगाया था. ईडी कोर्ट में अपराध की आय का विवरण देने में असफल रहा है.
25 जून को हाई कोर्ट ने जमानत के निर्णय पर रोक लगा दी. जज ने कहा कि ED के दस्तावेजों को देखे बिना जमानत का निर्णय लिया गया था जो गलत था.
उसी दिन केजरीवाल को CBI ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया. अब केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पर भी मुकदमा दर्ज है. 17 जुलाई को केजरीवाल के दो मामलों की सुनवाई होगी.