वाराणसीः रजवारी में हत्या कर फेंकी गई लाश गाजीपुर के आलोक यादव की थी

छोटे भाई प्रदीप ने की शव की पहचान, घटना से पहले हुई थी शराब की पार्टी

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वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के राजवारी (भंदहां कला) गांव में गोमती नदी के पास बबूल के जंगल में मंगलवार को जिस युवक की हत्या कर फेंकी गई लाश मिली थी उसकी पहचान हो गई है. वह गाजीपुर जिले का रहनेवाला था. उसकी पहचान गाजीपुर के बिरनो थाना के तिलेसरा रसूलपुरा गांव निवासी आलोक यादव (32) के रूप में हुई है. शुक्रवार को पहुंचे आलोक के बड़े भाई प्रदीप यादव ने पहचान की. इसके बाद चौबेपुर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया. पुलिस परिजनों से पूछताछ कर आरोपितों की गिरफृतारी के लिए दबिश दे रही है.

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प्रदीप यादव ने पुलिस को बताया कि तीन भाइयों में सबसे बड़ा आलोक सऊदी अरब में नौकरी करता था. तीन मार्च को वह घर आया था. नौ जून की रात उसने अपने दोस्तों के साथ क्षेत्र में ही पार्टी की थी. इसके बाद 10 जून को आलोक ने कहा कि वह दोस्तों के साथ लखनऊ जा रहा है, 12 जून की रात तक घर आ जाएगा. प्रदीप ने कहा कि बुधवार की रात आलोक घर नहीं आया तो परिजनों ने सोचा कि वह लखनऊ में ही रुक गया होगा. गुरुवार को भी आलोक घर नहीं आया तो परिजन चिंतित हुए और कॉल किए तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा था. तब संदेह गहराया तो वह शुक्रवार को आलोक की गुमशुदगी दर्ज कराने बिरनो थाने पहुंचा. थाने में पुलिस कर्मियों ने बताया कि वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र में एक युवक का शव मिला है. शव का फोटो देखते ही वह आलोक को पहचान गया और चौबेपुर थाने आया.

अभी 53 दिन पहले ही हुई थी आलोक की शादी

भाई प्रदीप ने पुलिस को बताया कि आलोक की शादी पिछले 21 अप्रैल को बलिया जिले के नगरा क्षेत्र के हरसेनपुर गांव की प्रतिभा यादव से हुई थी. वह शादी के लिए ही सऊदी अरब से घर आया था. उसकी हत्या प्रेम सम्बंध या पुरानी रंजिश को लेकर होने की आशंका जताई जा रही है. प्रदीप ने बताया कि जिसके घर पर नौ जून की रात पार्टी थी, उसको फोन करने पर उसने बताया कि वह दिल्ली है. उसके पिता ने बताया कि वह मध्य प्रदेश गया है और पड़ोसियों ने बताया कि वह कश्मीर गया है. हम लोगों की किसी से दुश्मनी नहीं है. मृतक आलोक के दो छोटे भाइयों में अशोक यादव हैदराबाद में व्यापार करता है और छोटा भाई प्रदीप यादव इलहाबाद में तैयारी करता है.

सिर, आंख और कनपटी पर थे गहरे जख्म के निशान

गौरतलब है कि वाराणसी-गाजीपुर हाईवे से आधा किमी की दूर राजवारी (भंदहां कला) गांव में गोमती नदी के पास बबूल के जंगल में 10 जून की सुबह आलोक का लहूलुहान शव मिला था. उसके सिर, आंख और कनपटी पर गहरे जख्म के निशान थे. शव के पास अंग्रेजी शराब की खाली शीशी, प्लास्टिक के चार ग्लास, चिप्स के खाली पैकेट और काले रंग के दो मास्क पड़े थे. इससे स्पष्ट है कि उसके साथ शराब पीनेवालों ने ही उसे मौत की नींद सुलाया है. फोरेंसिंक टीम ने मौके से हत्यारों के अंगुलियों के निशान आदि जुटाए हैं.

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