‘चिकित्सकों की गैरहाजिरी से दो की मौत
पीएमके के संस्थापक अंबुमणि रामदॉस ने सोमवार को कहा कि वेल्लोर जिले में चिकित्सकों की गैरहाजिरी की वजह से हुई दो लोगों की मौत पर तमिलनाडु सरकार को अपना सिर शर्म से झुका लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां से 190 किमी की दूरी पर स्थित अंबुर सरकारी अस्पताल में कम से कम 10 चिकित्सक हर समय ड्यूटी पर तैनात रहने चाहिए।
क्योंकि वहां कोई चिकित्सक नहीं था…
उन्होंने कहा, “यह बहुत ही निंदनीय है कि बीते रोज (रविवार) वहां कोई ड्यूटी पर नहीं था। अस्पताल के कर्मचारी मरीजों को लौटा रहे थे क्योंकि वहां कोई चिकित्सक नहीं था।”
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उद्योगपति राजकुमार की दो घंटे बाद मौत हो गई
दो घायल व्यक्तियों को रविवार को यहां अस्पताल लाया गया था।रामदॉस ने कहा, “आपातकालीन वार्ड में चिकित्सकों के नहीं होने से एक घायल व्यक्ति उद्योगपति राजकुमार की दो घंटे बाद मौत हो गई।”इसी तरह एक 13 साल की लड़की वैष्णवी को सांस लेने में दिक्कत की वजह से रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
चिकित्सकों की कमी के कारण जीवन की हानि ज्यादा तकलीफ
रामदॉस ने कहा, “बाद में एक चिकित्सक ने उसे देखा, लेकिन वह बचाई नहीं जा सकी।”नेता के अनुसार, अस्पताल के पास शव वाहन नहीं है। लड़की का शव दोपहिए से घर ले जाया गया।रामदॉस ने कहा, “उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 63 बच्चों की मौत के मुकाबले चिकित्सकों की कमी के कारण जीवन की हानि ज्यादा तकलीफ देने वाली है।”
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