दुनिया का सबसे महंगा जापान का ‘मियाजाकी’ आम भारत में बटोर रहा सुर्खियां

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इन दिनों पश्चिम बंगाल में लगाए गए एक पेड़ के आम की खूब चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे महंगा आम है। यह जापान देश में पाया जाने वाला मियाजाकी आम है। यह आम जापान में भी काफी महंगा बिकता है। फिलहाल मियाजाकी आम भारत में काफी सुर्खियां बटोर रहा है। हर कोई जानना चाहता है कि मियाजाकी आम में ऐसी क्या खासियत है, जो विश्व में सबसे महंगा आम है। इसी के साथ मियाजाकी आम की भारत पहुंचने की कहानी भी दिलचस्प है।

भारत में आम की एक से बढ़कर एक किस्में हैं। दशहरी, लंगडा, चौसा, अल्फांसो और केसर जैसी किस्मों के आम की पूरी दुनिया दीवानी है, लेकिन आजकल यहां एक विदेशी किस्म के आम की खूब चर्चा हो रही है। हम बात कर रहे हैं मियाजाकी की। जापान के इस आम की कीमत दुनिया में सबसे अधिक होने का दावा किया गया है। यह भारत के कोने-कोने में फैल जाए, इस मकसद से बनारस के प्रगतिशील किसान शैलेंद्र रघुवंशी एवं सौरभ रघुवंशी ने इसे अपने यहां मंगवाया है। रघुवंशी बंधु अमरूद की नर्सरी के लिए मशहूर हैं।

कैसा है मियाजाकी आम 

‘मियाज़ाकी’ आम जापानी किस्‍म का है और बहुत गर्म इलाकों में इसकी पैदावार होती है। इस आम को उगने के लिए बहुत तेज धूप की जरूरत होती है। इसलिए इसे एग ऑफ सनशाइन भी कहा जाता है। जापानी नस्‍ल का ये आम आमतौर पर अप्रैल और अगस्त के बीच उगाया जाता है। मियाजाकी आम शुरुआती दौर में बैंगनी रंग का होता है। फिर जैसे-जैसे यह आम पकने लगता है तो इसका रंग बदलने लगता है और यह लाल रंग का हो जाता है। एक आम का वजन करीब 350 ग्राम का होता है।

जापान से आया है मियाजाकी आम

मियाज़ाकी आम आमतौर पर जापान में पाया जाता है। मियाजाकी आम का नाम जापान के एक शहर मियाजाकी के नाम पर रखा गया है। जहां इस फल को मुख्य रूप से उगाया जाता है। इसमें  एंटी ऑक्सेंट, बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे गुण होते हैं। इसमें शुगर 15 फीसदी होती है। इस किस्म की खेती के लिए तेज धूप और ज्यादा बारिश की जरूरत होती है। इसे बडी सावधानी से उगाया जाता है। हालाँकि, पश्चिम बंगाल के दुबराजपुर में भी एक स्थानीय ने दो साल पहले मियाज़ाकी आम का पेड़ लगाया था।

भारत में कैसे मियाजाकी आम

परिहार ने चेन्नई जाने के दौरान ट्रेन में एक व्यक्ति से आम के इन पौधों को खरीदा था। तब उन्हें पता नहीं था कि ये दुनिया के सबसे महंगे आम के पेड़ हैं। वह बताते हैं कि इन पेड़ों पर लगने वाले आमों की किस्म के बारे में उन्हें पता नहीं था। इसलिए उन्होंने इसका नाम अपनी मां के नाम पर दामिनी रख दिया। इस तरह पहली बार मियाजाकी आम की देश में चर्चा शुरू हुई। इसके बाद लोगों ने इस आम के प्रति रुचि बढ़ाई और इसे भारत लाने का फैसला किया। आम व्यापारियों ने मियाजाकी के पौधों को ऑर्डर कर मंगवाया।

दो साल में तैयार होता है मियाजाकी का पौधा

रघुवंशी देश के ऐसे तीसरे किसान हैं जिन्होंने इसका पौधा लगाया है। रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने पुणे की एजेंसी के जरिए जापान से इसके तीन पौधे मंगाए हैं। ऑर्डर देने के बाद इसे आने में एक महीने से अधिक का वक्त लगा है। इसकी कीमत 3500 रुपये प्रति पौधा के हिसाब से लगी है। अब खास देखभाल करने के बाद यह दो साल में तैयार होगा। मंगाए जाने के बाद इसके पौधे को 15 दिन प्लांट कोरंटाइन में रखा गया था, ताकि यह पता चले कि उसके साथ कोई बीमारी तो नहीं आ रही है।

क्यों है दुनिया का सबसे महंगा आम

किसान बिना किसी गारंटी के अपने आमों को उगाने के लिए पूरा साल समर्पित करते हैं कि उन्हें उच्च कीमत मिलेगी। मियाज़ाकी आम इतने महंगे हैं क्योंकि उन्हें उगाने में अत्यधिक देखभाल, श्रम और समय लगता है। प्रत्येक वर्ष उगाए जाने वाले आमों में से केवल 10% ही इसे नीलामी के लिए तैयार करते हैं। सिलीगुड़ी में चल रहे मैंगो फेस्टिवल में दुनिया के सबसे महंगे आम ‘मियाज़ाकी’ का प्रदर्शन किया गया, जिसकी कीमत वैश्विक बाजार में लगभग 2.75 लाख रुपये प्रति किलो है ।

मियाजाकी आम के गुण

यह आम जापान के क्यूशू प्रांत के मियाजाकी क्षेत्र में उगाया जाता है। इसका साइज बड़ा होता है। एक आम का वजन 300 ग्राम तक होता है। यह आम अप्रैल से अगस्त के बीच होता है। एंटीऑक्सिडेंट की भरपूर मात्रा होती है। इनमें बीटा कैरोटीन और फोलिक एसिड भी प्रचुर मात्रा में होता है। इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसकी मलाईदार बनावट, सुगंधित स्वाद और रसदार मांस जापान में बेहद लोकप्रिय हैं। हालांकि, मियाज़ाकी आम की भरपूर मिठास पारंपरिक आम की तुलना में इसके अविस्मरणीय स्वाद से आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।

प्रदर्शनी में मियाजाकी ने बटोरी वाहवाही

दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 2.75 लाख रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत वाले दुनिया के सबसे महंगे आम ‘मियाजाकी’ को सिलीगुड़ी के तीन दिवसीय मैंगो फेस्टिवल के सातवें संस्करण में प्रदर्शित किया गया था। एएनआई के अनुसार एसोसिएशन फॉर कंजर्वेशन एंड टूरिज्म (एसीटी) के सहयोग से मोडेला केयरटेकर सेंटर एंड स्कूल (MCCS) द्वारा आयोजित सिलीगुड़ी के एक मॉल में 9 जून को मैंगो फेस्टिवल की शुरुआत हुई। प्रदर्शित की जाने वाली कुछ किस्मों में अल्फांसो, लंगड़ा, आम्रपाली, सूर्यपुरी, रानी पसंद, लक्ष्मण भोग, फाजली, बीरा, सिंधु, हिमसागर, कोहितूर और अन्य शामिल हैं।

वहीं, सिलीगुड़ी के एक आम प्रेमी सैंडी आचार्य ने कहा कि उन्हें एक ही जगह पर इतने सारे आम देखने का मौका मिला है. उन्होंने आगे कहा कि फेस्टिवल में उन्हें दुनिया का सबसे महंगा आम ‘मियाजाकी’ देखने को मिला। उन्होंने कहा कि यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि बंगाल के किसान इस आम को अपने बगीचों में उगा रहे हैं।

मियाजाकी आम की कीमत

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मियाज़ाकी आम की कीमत करीब 2.75 लाख रुपए प्रति किलोग्राम है। बाजारों में जब आलीशान फलों की बात आती है तो मियाज़ाकी आम दुनिया के सबसे महंगे आम का ताज अपने नाम कर लेता है। वहीं, भारत में इस मियाजाकी आम की कीमत आश्चर्यजनक रूप से 2.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है। जबकि भारत में पहले से ही नूरजहां आम अभी तक महंगे आमों में बिक रहा है।

देश में तैयार हो रहें मियाजाकी के पौधे

अमरूद की नर्सरी लगाने के लिए फेमस रघुवंशी बंधु चाहते हैं कि इस किस्म का आम पूरे देश में फैल जाए। ताकि किसानों की इनकम में वृद्धि हो। इसके लिए वो इसके जरिए नए पौधे तैयार करेंगे। उन्होंने बताया कि शुरुआत में मियाजाकी आम का फल भी हरा होता है। लेकिन बाद में माणिक रंग का हो जाता है। यहां के आम के मुकाबले मियाजाकी की पत्ती पतली होती है। जबलपुर और पूर्णिया के बाद जापान से बनारस पहुंची दुनिया के सबसे महंगे आम मियाजाकी की खुशबू पूरे देश में फैलाने का प्लान तैयार हो रहा है। इसके पौधे वितरित करने की भी योजना बनाई जा रही है। जिससे देश के व्यापार में आर्थिक लाभ मिलें।

भारत में कहां उगेगा मियाजाकी आम

दुनिया के सबसे महंगे आमों में से एक जापानी मियाज़ाकी का उत्पादन पश्चिम बंगाल में किया जाएगा। आम की यह किस्म वैश्विक बाजार में हजारों रुपए किलो में उपलब्ध है। यह एक प्रकार का इरविन आम है जो दक्षिण पूर्व एशिया में उगाए जाने वाले पीले पेलिकन आम के विपरीत है। पश्चिम बंगाल के दुबराजपुर में एक स्थानीय नागरिक ने सालदो पहले इसके पौधे लगाए थे। स्थानीय लोगों को हाल ही में पता चला है कि यह दुनिया का सबसे महंगा आम है।

लोगों ने किया मियाजाकी आम का स्वागत

मीडिया बातचीत में बबियांव गांव निवासी शैलेंद्र रघुवंशी ने बताया कि यह आम ‘आम’ नहीं बल्कि बहुत ‘खास’ है. इसके आम की कीमत अंतर्राष्ट्रीय मार्केट 21 हजार रुपये प्रति पीस और 2.70 लाख रुपये किलो तक पहुंच चुकी है. पिछले सीजन में जबलपुर के एक किसान के यहां मियाजाकी आम का पेड़ इसलिए चर्चा का केंद्र बना हुआ था, क्योंकि महंगा होने की वजह से उसे इसकी रखवाली में कई गार्ड लगाने पड़े थे. बिहार के पूर्णिया में पूर्व विधायक अजीत सरकार के घर में इसका एक पेड़ लगा है. उन्होंने इसकी सुरक्षा के लिए न सिर्फ केयर टेकर रखा हुआ है बल्कि सीसीटीवी कैमरा भी लगवाया हुआ है.

भारत में पैदा होता है अधिक आम

आम उत्पादन के क्षेत्र में भारत पहले स्थान पर है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2020-21 में यहां 2,11,24,000 मिट्रिक टन आम का उत्पादन हुआ। अकेले भारत में दुनिया का 40 फीसदी से अधिक आम पैदा होता है। यह हमारा राष्ट्रीय फल भी है। भारत में आम की लगभग 1000 किस्में पाई जाती हैं, जिसमें से 30 किस्म के आमों की मांग विदेशों में सबसे ज्यादा है।

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