आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से लोग अपनी बातें और विचार शेयर करते हैं. इसी के जरिये समाज में बदलाव की उम्मीद भी करते है. लेकिन, कुछ ऐसे देश हैं जिन्हें लगता है कि ये साइट्स शांति भंग करती हैं. चीन ने सभी सोशल नेटवर्किंग साइट्स ब्लॉक कर रखा है. चीन की ही तरह सऊदी अरब ने भी सोशल मीडिया एक्टिविटी को कंट्रोल में रखने के लिए कई सेल्स बना रखे हैं. जहां कोई नागरिक नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है तो इन पर देशद्रोह का केस शुरू कर दिया जाता है.
हाल में ही सऊदी अरब से यूके गई एक महिला ने वहां ट्विटर अकाउंट बनाकर कुछ पोस्ट किये थे. इन्हीं पोस्ट्स के आधार पर अब महिला को 34 साल जेल की सजा सुनाई गई है. उस पर सऊदी अरब के नेशनल सिक्युरिटी को डिस्टर्ब करने का आरोप लगा है. महिला की पहचान सलमा अल शेहाब के तौर पर हुई है. दो बच्चों की मां सलमा यूके के लीड्स यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट है.
छुट्टियों पर यूके गई सलमा ने ट्विटर पर कुछ ऐसे ट्वीट्स को रीट्वीट किया, जो ऑथिरिटी के मुताबिक, देश की शांति भंग कर सकते थे. इसी वजह से वापस आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया उस पर मुकदमा शुरू किया गया है. सलमा को पहले तो तीन साल की सजा सुनाई गई थी. लेकिन इसके बाद अचानक ही सजा बढ़ाए जाने की मांग की जाने लगी.
बाद में तमाम पहलुओं को देखते हुए सलमा की जेल की सजा को बढ़ाकर 34 साल कर दिया गया. यानी जब सलमा जेल की सजा काटकर बाहर आएगी, तब उसकी उम्र 68 हो जाएगी.