मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख कि दिक्कते कम होने का नाम नहीं ले रही है. हाल ही में देशमुख और उनके बेटे ऋषिकेश अन्य के खिलाफ जारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत देशमुख को ताजा समन जारी किया. साथ ही उनसे 5 जुलाई को जांच एंजेसी के समक्ष पेश होने को कहा गया है और उनके बेटे को 6 जुलाई.
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए तीसरा नोटिस जारी किया गया है. देशमुख से दक्षिण मुंबई में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में अपना बयान सोमवार को दर्ज कराने को कहा गया है.
प्रवर्तन निदेशालय ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 5 जुलाई को पूछताछ के लिए समन किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले में उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को भी छह जुलाई को समन किया है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 3, 2021
इसके पहले भेजे गए 2 समन
देशमुख (72) को इससे पहले भी दो समन जारी किए जा चुके हैं, लेकिन वह कोरोना वारयस संक्रमण के खतरे का हवाला देकर पेश नहीं हुए और उन्होंने ईडी के समक्ष वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अपना बयान दर्ज कराने का आग्रह किया.
देशमुख को कथित तौर पर 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने एवं जबरन वसूली करने वाले रैकेट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले के संबंध में ईडी ने समन जारी किया है. देशमुख ने इन आरोपों के कारण महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस साल अप्रैल में इस्तीफा दे दिया था.
ईडी ने देशमुख और उनके सहयोगियों के परिसरों में मारे थे छापे
ईडी ने पिछले महीने मुंबई और नागपुर में देशमुख, उनके सहयोगियों और अन्य लोगों के परिसरों पर छापे मारे थे, जिसके बाद निदेशालय ने पहला समन जारी किया था. बाद में एजेंसी ने उनके दो सहयोगियों- उनके निजी सचिव संजीव पलांडे (51) और निजी सहायक कुंदन शिंदे (45) को गिरफ्तार कर लिया था. वे छह जुलाई तक ईडी की हिरासत में हैं.
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी, वर्तमान मामले के अलावा देशमुख से कुछ मुखौटा कंपनियों के साथ उनके और उनके परिवार के सदस्यों के कथित संबंधों के बारे में भी पूछताछ करना चाहती है, जिनका इस्तेमाल मुंबई पुलिस व्यवस्था में रिश्वतखोरी के आरोपों के सामने आने से बहुत पहले से ही धन शोधन के लिए किया जा रहा था.
देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप परमबीर सिंह लगाया था
पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर कम से कम 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था, जिसके आधार पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. इसी के बाद ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया. सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को मुंबई के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूलने को कहा था.
देशमुख ने उनके वकीलों के जरिए एजेंसी को भेजे पत्र में कहा था कि एजेंसी ने 25 जून को यहां उनके परिसरों पर छापेमारी के समय ईडी जांचकर्ताओं के साथ कई घंटे की बातचीत के दौरान उनका बयान पहले ही दर्ज कर लिया है.
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