मछली पालन को लेकर नीति आयोग की है ये राय…

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नीति आयोग ने यहां केंद्रीय समुद्री मत्स्य शोध संस्थान (सीएमएफआरआई) से कहा कि देश में समुद्री मत्स्य पालन को विकसित करने के लिए कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू की जाए। सीएमएफआरआई के निदेशक ए. गोपालकृष्णन को एक राष्ट्रीय समुद्री मत्स्यपालन सूचकांक (एनएमएफआई) तैयार करने के लिए कहा गया, ताकि समुद्री सीमा से लगे राज्यों, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह तथा लक्ष्यद्वीप समेत समुद्री मत्स्य पालन की एक तुलानात्मक तस्वीर बन सके।

यह फैसला नीति आयोग के उप सलाहकार (मत्स्य पालन) मानस चौधरी और गोपालकृष्णन के बीच हुई चर्चा के बाद किया गया।  सीएमएफआरआई द्वारा मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि चौधरी ने सीएमएफआरआई से एक राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य पालन कार्ययोजना (एनएमएफएपी) तैयार करने को कहा है, जो केंद्र सरकार के कार्यक्रम ‘सागरमाला’ के साथ कदम से कदम मिलाकर तटीय क्षेत्र में सुधार के लिए नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे।

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चौधरी ने कहा कि तटीय राज्यों में समुद्री जीवित संसाधनों की संभावनाओं और सीमाओं और पर्यावरणीय कारकों के आधार पर कार्ययोजना तैयार की जानी चाहिए। चौधरी ने सीएमएफआरआई के अधिकारियों से कहा, “बड़े पैमाने पर निवेश के लिए क्षेत्र में उपलब्ध समुद्री मत्स्य संसाधनों की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करना आवश्यक है।” उन्होंने कहा, “सीएमएफआरआई उन बाधाओं से उबरने के और तरीके खोज सकती है, जो कि समुद्री तत्स्यपालन संवर्धन और इसी तरह की गतिविधियों में निजी निवेश को सीमित करती हैं।”

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