पुलिसवालों ने ढाबे पर खाया खाना, बिल देने के नाम पर दर्ज की झूठी FIR, अब खुद पहुंच गए जेल

0

एक पुलिस इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल को एक ढाबे के मालिक और नौ अन्य लोगों को एक फर्जी मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करने और अवैध शराब और गांजा रखने का मामला दर्ज करने आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

ढाबा मालिक ने कथित तौर पर पुलिस कर्मियों को भुगतान करने के लिए कहा था, जिन्होंने उसके ढाबे में खाया था। घटना के लगभग 40 दिन बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। जिन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को घटना के बारे में पता चला, उन्होंने कार्रवाई का आदेश दिया।

ठोंक दिए दर्जन भर केस-

ढाबा मालिक और उसके कुछ ग्राहक जिन्होंने कथित तौर पर उसकी ओर से हस्तक्षेप किया था, उन्हें 4 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उस दिन जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि 10 लोग शराब और ड्रग्स की तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे और उस रात एक ‘मुठभेड़’ के बाद गिरफ्तार किए गए थे।

पुलिस ने आगे कहा कि छह देसी कट्टा, 12 जिंदा कारतूस, दो किलो गांजा और 80 लीटर अवैध शराब बरामद की गई।

ढाबे वाले ने पुलिसवालों से मांग लिया था पैसा-

ढाबा मालिक के भाई प्रवीण कुमार ने पत्रकारों को बताया, “4 फरवरी को, कुछ पुलिसकर्मी मेरे ढाबे पर खाना खा रहे थे। इन पुलिसकर्मियों का मेरे भाई के साथ खाने का भुगतान करने को लेकर विवाद हुआ। वे नियमित रूप से ढाबा पर खाने आते थे, लेकिन कभी भी भुगतान नहीं किया था। कभी-कभी वे बिल की राशि चार गुना होने पर 100 रुपये देते थे।”

उन्होंने कहा कि घटना के दिन पुलिसकर्मी नशे में थे और उन्होंने उनके भाई के साथ मारपीट की।

झूठे मुकदमे दर्ज किए-

उन्होंने आगे कहा, “बाद में, दो पुलिस जीप मेरे ढाबे पर आई और सभी को ले गई, जिसमें मेरे भाई और ग्राहक शामिल थे, जिन्होंने मेरे भाई की ओर से हस्तक्षेप किया, उन्हें पुलिस स्टेशन में ले जाया गया। उन्होंने उन पर झूठे मुकदमे दर्ज किए और दावा किया कि मेरे भाई के पास से अवैध शराब बरामद की गई। उन्होंने यह भी दावा किया कि मेरे भाई और अन्य को एक ‘मुठभेड़’ के बाद गिरफ्तार किया गया था।”

एटा पुलिस जोन के एक एडिशनल डीजीपी रैंक के अधिकारी राजीव कृष्णा ने बयान में कहा, “कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन के तत्कालीन प्रभारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। मैंने एटा के एसपी (अपराध) से जांच करने के लिए कहा और प्रथम दृष्ट्या आरोप सही पाए गए हैं।”

पुलिसकर्मी के खिलाफ दर्ज होगा मामला-

एडीजी ने मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया है और कहा है कि इसमें शामिल हर पुलिसकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा, “निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जांच को एटा से अलीगढ़ स्थानांतरित कर दिया गया है।”

यह भी पढ़ें: UP पुलिस में अब 20 फीसदी महिलाओं की भर्ती जरूरी, CM योगी ने कहा- महिला सुरक्षा हमारी प्राथमिकता

यह भी पढ़ें: महिला उत्पीड़न की जांच करने गई पुलिस टीम पर हमला, दो पुलिसकर्मी घायल

[better-ads type=”banner” banner=”104009″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप डेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More