महाराष्ट्र: पानी के लिए लगाई गई धारा 144
लातूर। महाराष्ट्र का सूखाग्रस्त क्षेत्र लातूर जिला पानी की किल्लत से जुझ रहा है। लातूर के कई इलाकों में पानी की किल्लत इतनी बढ़ी गई है कि लातूर जिले में धारा-144 लगानी पड़ी। सूखा पीड़ित लातूर में पानी लेने के लिए हालत खूनी झड़प तक पहुंच गई है।
पानी को लेकर खराब हालात पर काबू पाने के लिए जिले के कलेक्टर पांडुरंग पॉल ने 31 मई, 2016 तक धारा 144 का सहारा लिया है। उनके मुताबिक पानी के टैंकरों के पास एक साथ पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते।
पॉल ने नगर निगम के 20 बड़े टैंकरों के पास धारा 144 लागू की है। लातूर में पानी की किल्लत को देखते हुए सरकारी टैंकों के पास संभावित हिंसा व विवाद की स्थिति को पैदा होने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
हाल ही में कुछ असामाजिक तत्वों ने पानी भरने की जगह से ही टैंकरों को लूट लिया था। इसके अलावा कई बार कुओं के पास लगी भीड़ की वजह से टैंकरों में पानी भरने की दिक्कतें सामने आई। लातूर नगर निगम इलाके में 70 और ग्रामीण इलाकों में 200 पानी टैंकर रोजाना सात चक्कर लगा रहे हैं। फिर भी पांच लाख की आबादी के लिए पानी की जरूरी आपूर्ति की शिकायत बनी हुई है।
राज्य में यह अपनी तरह का पहला मामला है जब पानी के लिए कलेक्टर ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत ये निर्देश जारी किया है। मामले से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर ने सीपीसी की धारा 144 के तहत यह आदेश एहतियातन जारी किया है। इसमें जिले के सबसे अधिक सूखा पीड़ित क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसमें जिले के पानी टैंकर भरने वाले स्थान, सार्वजनिक कुएं, पानी टैंकर चलने वाले रूट और पानी टैंक शामिल हैं।