नकल माफियाओं के खिलाफ योगी सरकार करेगी कार्रवाई,  14 साल की जेल, 25 लाख तक जुर्माना…

0

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश को हर तरह के माफियाओं और अपराधियों से मुक्त कराने की बात कह चुके है. इस दिशा में लगातार एक्सन भी हो रहा है. अब तक कई बड़े माफियाओं पर कानून का शिकंजा कस चुका है. लेकिन अब उनके बुरे दिन शुरू हो चुके है. योगी सरकार ने प्रतिभावान छात्रो के करियर से खिलवाड़ करने वाले नकल माफियाओं और सॉल्वर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

बता दे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसके खिलाफ बेहद कड़ा कानून लाया जा रहा है. जिससे कि दोषियों को इतनी सख्त सजा मिले की समाज में अगर मजीर पेश हो और फिर कोई नकल माफिया सिर उठाने के बारे में दस बार सोचे. यूपी सरकार भर्ती परीक्षा में अनुचित साधनो की रोकधाम संबधी नया कानून बनाने पर विचार कर रही है।

14 साल तक की सजा और जुर्माने...

प्रतियोगी व शैक्षणिक परीक्षाओं से जुड़े क्वेश्चन पेपर को लीक करने से रोकने के लिए इसके साथ ही सॉल्वर गैग पर नकेल कसने के लिए राज्य विधि आयोग के द्वारा कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है. इस मसौदे को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दे दिया गया है. जो प्रस्तावित कानून है उसमें नकल माफिया और सॉल्वर के दोषियों के लिए जेल की 14 साल तक की सजा का प्रावधान करने और जुर्माने के तौर पर 25 लाख रुपये तय करने का मसौदा तैयार किया है.

संपत्ति को जब्त किए जाने की भी व्यवस्था…

इस मामले में पाए जाने दोषियों की संपत्ति को जब्त किए जाने की व्यवस्था होगी. न्यायमूर्ति जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव जोकि आयोग के अध्यक्ष हैं. कमेटी ने मसौदा  उनकी ही अध्यक्षता में तैयार किया और इसके लिए अनेक राज्यों के ऐसे कानूनों की स्टडी की. फिलहाल, मसौदे में 28 सेक्शन रखे गए हैं. द यूपी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीनस, पेपर लीक एंड सॉल्वर गैंग एक्टीविटीज) बिल-2023 का मसौदा मुख्यमंत्री को सौंप दिया गया है. न्याय व गृह विभाग के माध्यम से नया कानून अथवा अध्यादेश तैयार कर इसे सदन से पारित कराया जाएगा. इसके बाद ही नए कानूनी प्रावधानों को लागू किया जा सकेगा।

 सजा व जुर्माने की जानकारी..

अगर अनुचित साधनों में किसी शख्स, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंधतंत्र, प्रिटिंग प्रेस, कोचिंग संस्थान को लिप्त पाया गया तो 14 साल की सजा और तय रुपये तक के जुर्माना लगाया जाएगा.

 खुद नकल मामले में सजा..

यदि प्रतियोगी परीक्षा में कोई परीक्षार्थी खुद ही नकल करते धरा गया. या फिर किसी दूसरे को नकल करवाते पकड़ा गया. तो ऐसे दोषियों के लिए सात साल की सजा के साथ ही पांच लाख जुर्माना तय किया गया है. परीक्षार्थी यदि फिर से वही शख्स दोषी पाया गया. तो तीन साल की सजा और तीन लाख जुर्माना के बजाए दस साल की जेल और दस लाख के जुर्माने का प्रावधान तय हुआ है।

READ ALSO- कनाडा में भारत का अपमान, सड़कों पर खालिस्तानी मना रहें इंदिरा गांधी की मौत का जश्न

 

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More