मोदी की आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की अपील

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वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया है। उन्होंने दुनिया से उस मानसिकता को छोड़ने का आह्वान किया जिसमें यह समझा जाता है कि आतंकवाद ‘किसी और’ की समस्या है और यह कि ‘उसका आतंकवादी’ ‘मेरा आतंकवादी’ नहीं है।

मोदी यहां दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन (एनएसएस) में हिस्सा लेने आए हैं। 50 से अधिक देशों के नेता परमाणु आतंकवाद के खतरों पर चर्चा करने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं।

राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा परमाणु सुरक्षा सम्मेलन से पहले गुरुवार रात दिए गए रात्रि भोज में मोदी ने कहा,”आतंकवाद दुनियाभर में फैला हुआ है लेकिन हम इस समस्या से निपटने के लिए सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई करते हैं।”

मोदी ने ब्रसेल्स और लाहौर आतंकवादी हमलों के साए के बीच वैश्विक नेताओं से कहा, “परमाणु सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता माना जाना चाहिए और सभी राष्ट्रों को अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का पालन करना चाहिए।”

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवादी गतिविधियों से बचाव और इसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने के बिना परमाणु आतंकवाद से निपटा नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद वैश्विक समस्या है और राष्ट्रों के बीच सहयोग से ही इससे निपटा जा सकता है।

रात्रि भोज में ओबामा के दाहिने तरफ मोदी थे और बाएं तरफ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिग।

मोदी ब्रसेल्स में भारत-यूरोपीय संघ सम्मेलन में हिस्सा लेकर वाशिंगटन पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, “ब्रसेल्स हमले से पता चलता है कि आतंकवाद से परमाणु सुरक्षा को कितना बड़ा खतरा है।”

उन्होंने नेताओं से आतंकवाद के तीन प्रारूपों पर ध्यान देते हुए कहा, “आतंकवाद का दायरा बढ़ा है। आतंकवादी 21वीं सदी की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि हमारा जवाब पुराने तौर-तरीकों पर टिका हुआ है।”

आतंकवाद के तीन प्रारूपों के बारे में उन्होंने कहा कि इनमें से पहला यह है कि आज के आतंकवाद में अत्यधिक हिंसा है। दूसरा, आज हम गुफा में छिपे शख्स को नहीं ढूंढ रहे हैं। हम कंप्यूटर और स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे आतंकवादियों की तलाश में हैं। तीसरा, परमाणु तस्करों और आतंकवादियों के साथ काम कर रहे ‘स्टेट एक्टर’ (राजकीय तत्व) बड़ा खतरा हैं।

मोदी ने कहा कि परमाणु सुरक्षा को केंद्र में रखकर ओबामा ने वैश्विक सुरक्षा के लिए महान काम किया है और ओबामा की इस विरासत को कायम रखना चाहिए।

इससे पहले, ओबामा ने वाशिंगटन पोस्ट में अपने लेख में कहा, “वैश्विक सुरक्षा और शांति के लिए मौजदू सभी खतरों में सबसे खतरनाक परमाणु हथियारों का संभावित इस्तेमाल और इनका गलत हाथों में पड़ना है।”

अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी और ऊर्जा मंत्री अर्नेस्ट मोनिज ने आगंतुक प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के लिए अलग से भोज की मेजबानी की।

केरी ने कहा, “हाल के वर्षों में ताइवान और 13 देशों ने हथियारों में इस्तेमाल होने वाले प्लूटोनियम और उच्च संवर्धित यूरेनियम को पूरी तरह से त्याग दिया है। इसके अलावा 12 अतिरिक्त देशों ने भी परमाणु सामग्रियों के भंडारण में कमी की है।”

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