बाबा साहेब हर पीड़ित की आवाज थे: पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर नेशनल मेमोरियल का आधारशिला रखने के बाद कहा कि मैं पहला प्रधानमंत्री हूं, जो यहां पर बोलने के लिए आया हूं। ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि बाबा साहेब को सीमित करना गलत है। उन्हें भारत की सीमाओं में बांधना गलत है। वह किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं थे इसलिए उन्हें दलितों का मसीहा कहकर सीमित नहीं किया जाना चाहिए। बाबा साहेब ने अमानवीय घटना के खिलाफ आवाज उठाई। वह हर पीड़ित की आवाज थे और मानवीय मूल्यों के रखवाले थे। हमें बाबा साहेब के सपनों को आगे बढ़ाना है। उन्होंने लोगों से अपील की कि उनके सपनों को पूरा करने में ढिलाई नहीं बरतें।
हम ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं, जहाँ दलित रोजगार देने वाले बनें: श्री @narendramodi – https://t.co/GBZbvmNpfO pic.twitter.com/jSfalUDJCP
— BJP (@BJP4India) March 21, 2016
पीएम ने कार्यक्रम में शामिल होने पर कहा कि मुझे यह अवसर मिला है कि मैं बाबा साहेब के सपनों को साकार करूं। बाबा साहेब 1956 में हमें छोड़कर चले गए। आज 60 साल बाद उनकी याद में मेमोरियल बनाया जा रहा है। साठ साल बाद इसे कैसे समझाया जा सकेगा, लेकिन इसके लिए हमें 60 साल लग गए। लेकिन यह मेरे ही भाग्य में लिखा हुआ था।
पीएम मोदी ने कहा कि इस समय वाजपेयी जी को याद किया जाना चाहिए। जिन्होंने इस संबंध में निर्णय लिया था। लेकिन उनके बाद आई सरकार ने यह नहीं होने दिया क्योंकि उनके दिलों में बाबा साहेब नहीं थे। आरक्षण के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि आरक्षण खत्म करने को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आरक्षण कोई छीन नहीं सकता है।
उन्होंने कहा कि देश में लेबर कानून पर सबसे ज्यादा किसी ने सोचा और काम किया वह थे बाबा साहेब अंबेडकर। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज यह घोषणा करता हूं कि 14 अप्रैल 2018 को इस मेमोरियल का उद्घाटन करूंगा। मैं यह बताना चाहता हूं कि यह काफी भव्य होगा। दुनिया के लिए यह आइकनिक बिल्डिंग होगी।
पीएम ने डॉ अंबेडकर को ‘विश्व मानव’ के रूप में देखे जाने का आग्रह किया जैसा कि दुनिया मार्टिन लूथर किंग और नेलसन मंडेला को देखती है।